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उत्तर प्रदेश के मुख्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर के मंदिर में देवी की पूजा की.
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उनवसवंत्सर और गुड़ी पड़वा के साथ चैत्र नवरात्र की शुरुआत शनिवार से हुई. ऐसे में शहर के विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा हिंदू नवसंवत्सर के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए. श्री काशी विश्वनाथ, संकट मोचन, कालभैरव, दुर्गा मंदिर के अलावा शहर के प्रमुख मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना व पंचांग पूजन के साथ लोगों के आरोग्य व सुख-समृद्धि की कामना की गई.
नवरात्र के पहले दिन अयोध्या के मंदिरों में लगी भक्तों की भीड़.
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नवरात्र में इन बातों का रखे ध्यान
गलती से भी घर में न होने दे कलह
कलश स्थापना के बाद घर अकेला न छोड़ें
व्रत में दिन में न सोए
कन्याओं के प्रति मन में न रखे दुर्भावना
काम वासनाओं पर रखें नियंत्रण
लहसुन प्याज का सेवन न करें
नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री के दर्शन का विधान है. वाराणसी में मां शैलपुत्री का मंदिर जैतपुरा क्षेत्र के अलईपूरा स्थित है. देर रात से ही माता के दर्शन करने के लिए आस्था का जनसैलाब मंदिर में उमड़ा हुआ है.
पहले दिन होगी मां शैलपुत्री की पूजा
मां शैलपुत्री गौर वर्ण वाली, श्वेत वस्त्र, बैल पर सवार, हाथों में कमल और त्रिशूल धारण करती हैं. उनकी पूजा करने से व्यक्ति को साहस, भय से मुक्ति, फैसलों पर अडिग रहने, कार्य में सफलता, यश, कीर्ति एवं ज्ञान प्राप्त होता है. विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भी.
नवरात्रि कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री को अक्षत्, धूप, दीप, गंध, सफेद फूल, फल, सफेद मिठाई या दूध से बने पकवान, कुमकुम, हल्दी, दूर्वा, लौंग आदि अर्पित करते हुए पूजा करते हैं. इस दौरान मां शैलपुत्री के पूजा एवं प्रार्थना मंत्र को पढ़ सकते हैं. इसके बाद मां शैलपुत्री की कथा को पढ़ें. फिर घी का एक दीपक जलाएं और मां शैलपुत्री की आरती विधिपूर्वक करें.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है और इसके बाद हर दिन देवी के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा होती है. घटस्थापना को कलश स्थापना भी कहा जाता है. इस बार कलश स्थापना शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल को सुबह 06:10 बजे से 08:29 बजे तक है. कुल अवधि 2 घंटे 18 मिनट की है.
इस चैत्र नवरात्रि मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी.अगर नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार से होती है तो मां दुर्गा हाथी पर आती हैं. अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार से होती है तो देवी घोड़े पर आती हैं. वहीं, जब नवरात्रि गुरुवार या शुक्रवार के दिन से शुरु होती है तो मां डोली की सवारी करके आती हैं. चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार शनिवार से हो रही है इसलिए इस बार मां का वाहन घोड़ा है.
हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का खास महत्व है. पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की भव्य तरीके से पूजा की जाती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल दिन शनिवार के दिन से शुरू हो रही है जो 11 अप्रैल को समाप्त होगी. नवरात्रि में भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा से नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना का खास महत्व होता है.