क्या चुनाव से पहले राम मंदिर में विराजमान होंगे रामलला? महासचिव चंपत राय ने बताया समय
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, राम मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. इसके उपरांत रामलला को नव निर्मित मंदिर में विराजमान करा दिया जाएगा.
Ayodhya News: अयोध्या में राममंदिर की नींव के पहले चरण का काम पूरा हो चुका है. दूसरे चरण का काम फरवरी के पहले सप्ताह में शुरू हो सकता है. इस बीच श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने रामलला के विराजमान होने को लेकर बड़ी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा. इसके उपरांत रामलला को नव निर्मित मंदिर में विराजमान करा दिया जाएगा.
मंदिर निर्माण को लेकर कही ये बात
चंपत राय ने परिक्रमा मार्ग स्थित श्री कृष्ण कृपा धाम आश्रम में मीडिया से बात करते हुए इस संबंध में जानकारी दी. साथ ही उन्होंने कहा कि, मंदिर निर्माण के बाद राष्ट्र एक अलग परिवर्तन को महसूस करेगा. साथ ही दुनियाभर के देशों की सोच में भारत के प्रति सम्मान बढ़ेगा. उन्होंने मंदिर निर्माण के बार में जानकारी देते हुए बताया कि अभी रामलला लकड़ी के मंदिर विराजमान हैं. मंदिर की नींव बनाने का काम बीते शनिवार को पूरा हो गया.
56 लेयर के साथ गर्भगृह किया गया तैयार
उन्होंने निर्माण के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि, मंदिर में नींव 12 मीटर गहरी है, जबकि गर्भ गृह की नींव 14 मीटर गहरी है. नींव के निर्माण में आईआईटी मद्रास द्वारा तैयार कराए गए मिश्रण का प्रयोग किया है. इसमें 98 प्रतिशत घनत्व पर कंक्रीट के साथ 1-1 मीटर पर लेयर हैं. गर्भगृह में 56 लेयर हैं, जबकि गर्भगृह से बाहर 48 लेयर हैं.
9 मीटर ऊंची होगी मंदिर की दीवार
चंपत राय ने बताया कि अगले सप्ताह से फर्श ऊंचा करने का काम शुरू हो जाएगा, जिसमें ग्रेनाइट पत्थरों से तैयार कर 17 हजार ब्लॉक लगाए जाएंगे. 18 एकड़ में मंदिर का क्षेत्रफल होगा. 2.75 एकड़ में मंदिर का निर्माण होगा. साढ़े 6 एकड़ जमीन को कवर करते हुए 9 मीटर ऊंची दीवार बनाई जाएगी. यह निर्माण भविष्य में कभी भी आने वाले भूकंप और जल प्रलय को देखते हुए कराया जा रहा है. पूरे मंदिर निर्माण में 17 लाख घन फीट पत्थर का इस्तेमाल किया जाएगा.