Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण पर गंगा स्नान के बाद दान से मिलेगा पुण्य फल
सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना देखने को लोग जहां बेहद उत्सुक हैं, वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी चंद्र ग्रहण बेहद खास है.
Lucknow News: स्नान दान सहित कार्तिक पूर्णिमा तिथि का प्रसिद्ध एवं देव दीपावली का पवित्र पर्व इस बार चंद्र ग्रहण के कारण बेहद अहम होने जा रहा है. सूर्य ग्रहण के बाद अब चंद्र ग्रहण की खगोलीय घटना देखने को लोग जहां बेहद उत्सुक हैं, वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी चंद्र ग्रहण बेहद खास है. इसका असर चंद्र ग्रहण वाले स्थान और विभिन्न राशियों के लोगों पर पड़ेगा.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. इसलिए सूतक काल से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए. चंद्र ग्रहण सूतक काल सुबह 09:21 बजे से शाम 06.18 बजे तक रहेगा. यह चंद्र ग्रहण भारत समेत कई एशियाई द्वीपों, दक्षिण-पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी व दक्षिण अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और हिंद महासागर में नजर आएगा.
एक माह में सूर्य एवं चंद्र ग्रहण होना शुभ नहीं
ज्योतिषाचार्य विनोद शास्त्री के मुताबिक यदि एक माह दो ग्रहण पड़ते हैं तो देश एवं सेना के लिए शुभ नहीं होते. सूर्य ग्रहण के बाद अब इस बार चंद्र ग्रहण की स्थिति बनी है. मान्यता है कि ऐसे में राजाओं में क्रोध एवं युद्ध की स्थिति निर्मित होती है. शुक्र का अस्त होने से देश के लिए नवम्बर और दिसम्बर मास शुभ नहीं होंगे. पड़ोसी देशों की बदली हुई स्थिति का असर भारत में भी देखने को मिल सकता है. नेपाल पर चीन का असर देखने को मिलेगा. देश में बड़े नेता या कलाकार पर भी संकट आ सकता है.पश्चिमी देशों में तनाव और गहराने के आसार हैं.
वैश्विक स्तर पर हो सकती हैं बड़ी घटनाएं
इसके साथ ही शनि की वक्री स्थिति होने के कारण पश्चिमी देशों में उथल पथल देखने को मिल सकती है. खाड़ी देश भी विभिन्न समस्याओं से अछूते नहीं रहेंगे.वैश्विक स्तर पर पर्यावरण से सम्बन्धित बड़ी घटना होने की भी स्थिति बन रही है. तेल और अनाज को लेकर घमासान से भी इनकार नहीं किया सकता. ज्योतिष जानकारों के मुताबिक चंद्र ग्रहण को लेकर ग्रहों की जो स्थिति बतायी जा रही है, उसका उद्देश्य किसी को बेवजह डराना नहीं है. ज्योतिष के मुताबिक जो मान्यताएं हैं, केवल उनसे अवगत कराया जा रहा है. लोगों को इसे समझते हुए सतर्कता बरतने का प्रयास करना चाहिए.
ग्रहण के दौरान भोजन से करें परहेज
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने पीने से बचना चाहिए. ग्रहण के समय हमारे आसपास कई तरह के बैक्टीरिया पैदा होते हैं जो भोजन के जरिए शरीर में जा सकते हैं, जिससे बीमारियों का खतरा होने की सम्भावना होती है.चंद्र ग्रहण के बाद स्नान और दान का काफी खास महत्व है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक चंद्र ग्रहण के दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद दान करने से कई गुना ज्यादा शुभ फल प्राप्त होता है.