Gorakhpur News: कसरवल कांड में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद के विरुद्ध कोर्ट में आरोप तय हो गया है. निषादों को अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर मंत्री ने आंदोलन किया था, इस दौरान कसरवल में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. केस की सुनवाई विशेष न्ययाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट नम्रता अग्रवाल कर रही हैं.
कोर्ट में मंत्री निषाद ने आरोपों से इनकार करते हुए विचारण की मांग की. जिसके बाद कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया. फिलहाल, 18 अक्टूबर को पत्रावली साक्ष्य के लिए नियत किया है. बता दें, 7 जून 2015 को सुबह करीब 11:20 पर डॉक्टर संजय निषाद अपने समर्थकों के साथ निषाद आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन करने निकले.
इस दौरान उन्होंने सहजनवा थाना क्षेत्र के मगहर और सहजनवा के मध्य रेल लाइन पर धरना प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से रेल आवागमन बाधित हुआ था. धरने के दौरान ही भीड़ उग्र हो गई जिसके बाद पथराव और फायरिंग हुई. जिसमें कई लोग घायल हो गए इस दौरान एक युवक की मौत भी हो गई.
युवक की मौत के बाद पुलिस प्रशासन ने संजय निषाद और उनके साथ धरना दे रहे कई लोगों को अभियुक्त बनाकर आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया था. बुधवार को न्यायालय ने आरोप तय किए. मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायालय एमपी/एमएलए नम्रता अग्रवाल की कोर्ट में हो रही है. मंत्री संजय निषाद ने न्यायालय में उपस्थित होकर आरोपों से इनकार करते हुए विचारण की मांग की थी. जिसके बाद न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को साक्ष्य प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉक्टर संजय निषाद बुधवार को एसीजेएम प्रभात त्रिपाठी के न्यायालय में पेश हुए. न्यायिक मजिस्ट्रेट ने डॉक्टर संजय निषाद और उनके साथ छह अन्य लोगों के विरुद्ध धारा 174 रेलवे एक्ट के तहत आरोप तय किया. इनके ऊपर निषाद समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर 7 जून 2015 को मगहर- सहजनवा के मध्य रेल आवागमन बाधित करने पर आरपीएफ ने डॉक्टर संजय निषाद सहित अन्य लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था. इसमें डॉक्टर संजय निषाद और छह अन्य लोगों ने आरोपों से इंकार कर विचारण की मांग की. जबकि इस मामले में कुछ आरोपितों ने जुर्म स्वीकार कर लिया है.
रिपोर्टर- कुमार प्रदीप, गोरखपुर