यूपी बीजेपी अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह का योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री पद से इस्तीफा, जानें क्यों?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा, ‘अपने प्रथम तथा द्वितीय कार्यकाल में क्रमशः राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा का अवसर देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार.’
Chaudhary Bhupendra Singh Resigned: उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक से पहले पंचायती राज विभाग के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘अपने प्रथम तथा द्वितीय कार्यकाल में क्रमशः राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा हेतु अवसर प्रदान करने तथा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एवं अनेक अवसरों पर प्रेरणादाई मार्गदर्शन व आशीर्वचन के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हृदय से आभार.’
भाजपा में ‘एक व्यक्ति और एक पद का सिद्धांत’ लागू
भूपेंद्र चौधरी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद अपना इस्तीफा दिया. वे योगी सरकार में पंचायती राज मंत्री थे. दरअसल, भाजपा में ‘एक व्यक्ति और एक पद का सिद्धांत’ लागू है. ऐसे में जब वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद का जिम्मा उठा चुके हैं तो पार्टी के सिद्धांतों को देखते हुए उन्हें इस्तीफा देना ही था. हालांकि, अब पंचायती राज मंत्रालय कौन संभालेगा, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल इस मंत्रालय का कामकाज सीएम योगी आदित्यनाथ अपने पास ही रखेंगे.
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कल ही ग्रहण किया था पदभार
यूपी बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने प्रदेश सरकार में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का स्थान लेते हुए यह पदभार ग्रहण किया है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा संगठन का नेतृत्व भूपेंद्र सिंह ने ही किया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब दोबारा राज्य की कमान संभाली तो उन्होंने सिंह को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया. सोमवार को अध्यक्ष पद ग्रहण करने के बाद दिल्ली से पहली बार लखनऊ पहुंचे भूपेंद्र सिंह का भव्य स्वागत हुआ था. कार्यकर्ताओं ने पूरे लखनऊ को भगवामय कर दिया था. हालांकि, इस बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी. तकरीबन आठ घंटे तक गाड़ियां रेंगकर चल रही थीं.
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