Kanpur News: लोक आस्था का महापर्व चार दिवसीय छठ नहाय-खाय के साथ 28 अक्टूबर से शुरू हो गया है. छठ पर्व 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि, कानपुर में करीब 70 वर्ष पहले छठ पूजा की शुरुआत हुई थी. पूजा की शुरुआत ऑर्डिनेंस फैक्ट्री और सरकारी संस्थान में कार्य करने वाले पूर्वांचल के लोगों ने की थी. पहले छठ पूजा अर्मापुर नहर और सरसैया घाट में हुआ करती थी, तब मुश्किल से 100 लोग ही कर पाते थे, लेकिन अब शहर के करीब 2 दर्जन घाटों पर 5 लाख से अधिक लोग छठ की पूजा करते हैं.
छठ पूजा करने के लिए पूर्वांचल के अलावा कानपुर के लोग, मंत्री, सांसद और विधायक भी छठी मैया का आशीर्वाद लेने पहुंचते हैं. कभी कानपुर में 100 लोग छठ पूजा किया करते थे, लेकिन अब कानपुर के विभिन्न घाटों पर 5 लाख से अधिक लोग पूजा में शामिल होते हैं. कानपुर के अर्मापुर नहर, सरसैया घाट, पनकी नहर, सचान नहर, साकेत नगर, शास्त्री नगर, नमक फैक्ट्री, गंगा किनारे और गुजैनी पर बने घाटों पर लोग पूजा करते हैं.
प्रभात खबर की टीम ने छठ पर्व को लेकर बाजारों में खरीददारी करने आये लोगों से बातचीत की, तो लोगों ने बताया कि, करीब 25 साल पहले हम लोग नहर पर पूजा करने जाते थे.लोग कहते थे यह क्या हो रहा है, ये कैसा पर्व है? नहर के किनारे कोई त्योहार होता है क्या..? लेकिन जैसे जैसे शहर में छठ पूजा करने वालो की संख्या बढ़ी और जगह जगह पर नहर के किनारे घाटों पर जश्न मनना शुरू हुआ, तो अब लोग दिवाली के बाद से पूछने लगते हैं कि कब है छठ पूजा.
छठ पर्व पर के शुरू होते ही बाजार भी पूजन सामग्री से सज चुके हैं. सामग्री खरीदने के लिए लोग सुबह से ही बाजारों में पहुंच जाते हैं. विजयनगर चौराहे पर सबसे बड़ा बाजार सजा है, यहां पर पूजन की सभी सामग्री मौजूद हैं. सूप, डलवा, गन्ना लेने वालों की भीड़ बाजारों में साफ नजर आने लगी है.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी, कानपुर