Chhath Puja 2022: छठी मैया के भक्तों को घर जानें में नहीं होगी दिक्कत, गाजियाबाद से चल रहीं स्पेशल बसें

Chhath Puja 2022: महापर्व छठ 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. इसे देखते हुए यूपी रोडवेज ने अपनी स्पेशल बसों का संचालन 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है. इस बीच रोडवेज ने पूर्वी यूपी और बिहार को जोड़ने वाले यूपी के महानगरों में दूसरे रूटों से बसों को हटाकर संबंधित रूटों पर लगा दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 29, 2022 9:18 AM

Chhath Puja 2022: महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन यानी खरना हैं. आज के दिन ही व्रती कुल देवता, सूर्य देवता और छठ मैया की पूजा करते हैं और गुड़ से बनी खीर बनाते हैं और इसे ही भोग के रूप में अर्पित करते हैं. छठ पर्व 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. इसे देखते हुए यूपी रोडवेज ने अपनी स्पेशल बसों का संचालन 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है.

31 अक्टूबर तक होगा स्पेशल बसों का संचालन

दरअसल, प्रदेश में त्योहारी सीजन के चलते यूपी रोडवेज ने स्पेशल बसों का संचालन 21 अक्टूबर से 27 अक्टूबर तक के लिए शुरू किया गया था, लेकिन महापर्व छठ के चलते इसे बढ़ाकर अब 31 अक्टूबर तक के लिए कर दिया है. रोडवेज ने पूर्वी यूपी और बिहार को जोड़ने वाले यूपी के महानगरों में दूसरे रूटों से बसों को हटाकर संबंधित रूटों पर लगा दिया है, ताकि छठ पर बिहार जाने वालों लोगों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े.

दरअसल, यूपी से बिहार जाने वाली अधिकतर ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल हो चुके हैं. ऐसे में लोग बसों की ओर रुख कर रहे हैं. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रोडवेज ने भी पूरी तैयारी कर ली है. इस संबंध में रोडवेज के आरएम एके सिंह ने बताया कि, पहले चरण में दिवाली पर्व पर आने-जाने वाले यात्रियों के लिए स्पेशल बसों का संचालन किया गया. इसके बाद भैयादूज के लिए रोडवेज बसों का लोकल रूट बेस स्पेशल संचालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि, छठ पर्व के चलते पूर्वांचल के इलाकों में बसें यात्रियों से फुल चल रही हैं. ऐसे में रोडवेज ने स्पेशल बस संचालन की तारीख को 31 अक्टूबर तक कर दी है.

छठ पूजा के दूसरे दिन क्या करें

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना कहते हैं कार्तिक छठ खरना की तारीख 29 अक्टूबर, दिन शनिवार है. इस पावन दिन व्रती मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाती हैं और उसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है. खरना के दिन व्रती कुल देवता और सूर्य देवता और साथ में छठ मैया की पूजा करते हैं और गुड़ से बनी खीर बनाते हैं और इसे ही भोग के रूप में अर्पित करते हैं. खरना के प्रसाद में चावल, घी लगी रोटी, गन्ने का रस, गुड़ से बनी रसिया, इत्यादि चीजें बनाई जाती है. इसके बाद इन सभी चीजों का भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है और उसके बाद सब लोग इस भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.

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