यूपी में बाढ़ ने छठ महापर्व पर व्रती महिलाओं की बढ़ाई मुश्किलें, नगर आयुक्त का दावा- सब ठीक कर देंगे
घाटों पर वेदियों के आस-पास कीचड़ आदि की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पानी लगने की वजह से घाट पर बेदी बनाने में भी मुश्किलें देखनी पड़ रही हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी नदी और तालाब के किनारे का हिस्सा पानी से डूबा हुआ है. बड़ी संख्या में लोग इस बार घर में ही छठ मनाने की बात कह रहे हैं.
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के पानी ने छठ पूजा करने वाले व्रतियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. घाटों पर वेदियों के आस-पास कीचड़ आदि की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पानी लगने की वजह से घाट पर बेदी बनाने में भी मुश्किलें देखनी पड़ रही हैं. गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी नदी और तालाब के किनारे का हिस्सा पानी से डूबा हुआ है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इस बार घर में ही छठ मनाने की बात कह रहे हैं.
गोरखपुर में राप्ती नदी का जलस्तर घटा तो है लेकिन अभी भी बाढ़ के पानी से घाट डूबे हुए हैं. गोरखपुर के राजघाट स्थित गुरु गोरक्षनाथ घाट भी इस बार अक्टूबर माह में भी बाढ़ के पानी से डूबा हुआ है. बाढ़ के पानी का उतरने का सिलसिला शुरू होने के बावजूद सीढ़िया ऊपर तक डूबी हुई हैं. यही वजह है कि समतल स्थानों पर मिट्टी और कीचड़ हो गया है. पिछले वर्ष लोगों ने सीढ़ी से नीचे उतरने के बाद मिट्टी में राप्ती नदी के तट से सटे वेदियां तैयार की थी. इससे व्रती महिलाओं को नदी के पानी में उतर कर अर्घ्य देने में भी सुविधा मिल रही थी. इस बार सीढ़ियों तक पानी होने की वजह से घाट पर वेदियां बनाने के लिए आने वाली महिलाओं को निराशा का सामना करना पड़ रहा है.
गोरखपुर की राजघाट की रहने वाली सरोजिनी सिंह कई वर्षों से छठी मैया का व्रत करती हैं. वह बेदी बनाने के लिए जगह ढूंढने राजघाट पर आई हैं. इस बार बाढ़ के पानी से घाट की सीढ़ियां डूब जाने से उन्हें काफी मुश्किल हो रही है लेकिन वह कहती हैं कि छठी मैया सब ठीक कर देंगी. उनके आशीर्वाद से थोड़ी जगह में भी सभी का व्रत पूरा हो जाएगा. ऐसा ही कुछ हाल गोरखपुर के मनीराम सिकटौर के बामन देवी के मंदिर के सामने महेशरा ताल से सटे छिछले मैदान का है. हर साल छठ महापर्व पर महिलाएं बेदियां बनाकर सूर्यास्त के समय सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत को शुरू करती हैं. वहीं, उगते हुए सूरज को भी अर्घ्य देने के बाद व्रत पूर्ण करती हैं. अब तक यहां पर महिला और पुरुष बेदी बनाने के लिए जुटने लगते हैं लेकिन इस बार बामन देवी मंदिर के ठीक पूरब जहां बेदियां बनती हैं वहां पर बाढ़ का पानी चढ़ा हुआ है.
गोरखपुर के नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि राप्ती नदी का पानी अभी भी बढ़ा हुआ है लेकिन वे लोग 28 अक्टूबर तक साफ-सफाई और तैयारी पूरी कर लेंगे. जो काम बचेगा उसे 29 और 30 अक्टूबर को पूरा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि नदी का पानी अभी पूरी तरह से कम नहीं हुआ है. उम्मीद है कि पानी इस दौरान कम होगा. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे लोग मोहल्लों और कॉलोनियों में वैकल्पिक व्यवस्था करें और नगर आयुक्त ने बताया कि कृतिम तालाबों की भी व्यवस्थाएं की जा रही हैं.
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