Chhoti Diwali 2022: छोटी दिवाली आज, पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व जानें

आज नरक चतुर्दशी है. इस दिन को छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं. नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) के दिन सूर्यास्त के बाद अपने घर और व्यावसायिक स्थल पर तेल के दीप जलाएं. तेल की दीपक जलाने से घर-मकान और दुकान में मां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है. धन की कभी कमी नहीं होती. व्यवसाय फलता-फुलता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2022 6:45 PM

Chhoti Diwali 2022 Puja Vidhi: दीपावाली महापर्व की शुरुआत धनतेरस से हो चुकी है. मान्यता है कि छोटी दिवाली के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन यम के नाम का दीपक जलाने की भी परंपरा है. यहां देखें छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी की देखें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री की लिस्ट

छोटी दिवाली तिथि, शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 23 तारीख को शाम 06:04 बजे से शुरू होकर 24 अक्टूबर शाम 05: 28 बजे पर खत्म होगी. उदया तिथि के मुताबिक छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को भी मनायी जा सकती है. हालांकि कुछ लोग 23 अक्टूबर को भी धनतेरस मनाएंगे.

छोटी दिवाली पूजा का महत्व

छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा का खास महत्व है. मान्यता है कि ऐसा करने से नर्क में मिलने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा अकाल मृत्यु भी टल जाती है. छोटी दिवाली के दिन दीपदान करना चाहिए.

छोटी दिवाली पर यमराज की पूजा का है विशेष महत्व

छोटी दिवाली के दिन यमराज की पूजा का खास महत्व है. मान्यता है कि ऐसा करने से नरक में मिलने वाली यातनाओं से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा अकाल मृत्यु भी टल जाती है. छोटी दिवाली के दिन दीपदान करना चाहिए.

नरक चतुर्दशी तिथि और स्‍नान का शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 23, 2022 को 06:03 पी एम बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त – अक्टूबर 24, 2022 को 05:27 पी एम बजे
अभ्यंग स्नान मुहूर्त – 05:06 ए एम से 06:27 ए एम
अवधि – 01 घण्टा 22 मिनट्स
नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय – 05:06 ए एम

नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली पूजा विधि, नियम

  • छोटी दिवाली के दिन स्नान से पहले शरीर पर तिल का तेल लगाएं.

  • स्नान करने के बाद हनुमान की पूजा-अराधना करें.

  • पूजा करते वक्त हनुमान को सिंदूर लगाएं.

  • धूप, दीप जला कर आरती करें.

  • बजरंगबली को भोग जरूर लगाएं.

नरक चतुर्दशी के अचूक उपाय

– इस दिन यमराज के नाम से तेल का दीया घर के मुख्य द्वार से बाहर की ओर जलाएं. दीए का मुख दक्षिण दिशा की ओर होना चाहिए.

– नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय सभी देवी- देवताओं की पूजा के बाद तेल के दीपक जलाकर घर की चौखट के दोनों ओर, घर के बाहर और कार्य स्थल के प्रवेश द्वार पर रखें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी सदैव घर में निवास करती हैं.

– नरक चतुर्दशी के दिन को रूप चतुर्दशी या रूप चौदस भी कहते हैं. इस दिन सौंदर्य की प्राप्ति के लिए भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से सौंदर्य की प्राप्ति होती है.

– मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के अगले दिन दीपावली पर लक्ष्मी घर में प्रवेश करती हैं, इसलिए दरिद्रय यानि गंदगी को घर से निकाल देना चाहिए.

– इस दिन गंदगी को घर से निकालने की परंपरा भी है. इसलिए निशीथ काल यानी अर्धरात्रि के समय घर से बेकार के सामान फेंक देना चाहिए. इस परंपरा को दारिद्रय नि: सारण कहा जाता है.

नरक चतुर्दशी के दिन सबसे पहले लाल चंदन, गुलाब के फूल और रोली के पैकेट की पूजा की जाती है. इसके बाद उन्हें एक लाल कपड़ें में बांधकर तिजोरी में रखने से धन की प्राप्ति होती है . साथ ही स्थिर धन मिलता है.

– लिंग पुराण की मानें तो इस दिन उड़द के पत्तों के साग से युक्त भोजन करने से व्यक्ति के सभी पाप दूर हो जाते हैं.

Next Article

Exit mobile version