Kanpur News: बलवंत सिंह हत्याकांड में फरार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी कई दिनों से पुलिस को चकमा देकर फरार चल रहा था. बलवंत सिंह की हत्या के मामले में अब तक छह पुलिसकर्मियों की गिरफ्तार हो चुकी है. अभी एसओजी के सिपाही प्रशांत पांडेय फरार हैं, जिनकी तलाश लगातार जारी है.
शिवली थाना क्षेत्र के सरैंया गांव के रहने वाले व्यापारी बलवंत सिंह को 12 दिसंबर की रात को पुलिस ने उठाया था. सिंह को लूट के शक में पुलिस ने हिरासत में लिया था. पुलिसकर्मी उसे पकड़कर रनियां थाने ले गए थे, जहां पर उससे पूछताछ के दौरान इतना पीटा की उसकी पुलिस अभिरक्षा में ही मौत हो गई थी. बलवंत को लूट के मामले में एसओजी ने उसे उठाया था.
बलवंत के चाचा अंगद सिंह ने इंस्पेक्टर शिवली राजेश कुमार सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, रनियां इंस्पेक्टर शिव प्रकाश सिंह, मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञानप्रकाश और एसओजी के सिपाही महेश गुप्ता के साथ ही जिला अस्पताल के डयूटी डॉक्टर और अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
बता दें कि, एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस पहले एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, राजेश कुमार सिंह के अलावा एसओजी के हेड कांस्टेबिल दुर्वेश कुमार, अनूप कुमार व सोनू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. कई दिनों से पुलिस की टीम मैथा चौकी इंचार्ज की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी. रविवार को देर शाम पुलिस को सफलता हाथ लगी.
गिरफ्तारी के बाद चौकी प्रभारी का मेडिकल कराया गया और देर रात न्यायिक अधिकारी के आवास पर पेश किया, जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. वहीं एसओजी के एक अन्य सिपाही प्रशांत पांडेय की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें अभी लगातार दबिशें दे रही हैं.
बता दें कि, शिवली थाना क्षेत्र में मैथा बाजार में सर्राफा कारोबारी के साथ 6 दिसंबर को लूट हुई थी, जिसका खुलासा करने के लिए पुलिस ने 12 दिसंबर की देर शाम लालपुर सरैया गांव के रहने वाले बालवंत सिंह (27) को उठाया था. उस समय बलवंत अपनी पिकअप से रनियां की एक फैक्टरी से चोकर की खेप लेकर वापस लौट रहा था, तभी उसके साथ में मौजूद चचेरे भाई गुड्डू को पुलिस ने धमकाकर वहां से भगा दिया था.
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बता दें कि मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर युवक की पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगाया है. युवक की मौत की सूचना लगते ही गांव में तनाव का माहौल फैल गया था. तनाव फैलता देख आसपास के जिलों की फोर्स को तैनात किया गया. वहीं पूरी घटना को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था. मृतक के चाचा की तहरीर पर पांच पुलिसकर्मियों व डॉक्टर व अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. मामले में लगातार कार्रवाई का सिलसिला जारी है.
रिपोर्ट- आयुष तिवारी