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CM योगी आद‍ित्‍यनाथ 1800 से ज्यादा शत्रु संपत्तियों से हटवाएंगे अवैध कब्जा, सबसे ज्‍यादा मामले शामली में

प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. प्रदेश में मौजूद कुल 5936 शत्रु संपत्तियों में से 1826 पर अवैध कब्जेदार कब्जा करके बैठे हैं. एक उच्चस्तरीय बैठक में CM योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

By Neeraj Tiwari | November 6, 2022 3:21 PM
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UP Enemy Property News: माफिया पर चाबुक चलाने के बाद योगी सरकार अब शत्रु संपत्तियों पर अवैध कब्जा करके बैठे लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने जा रही है. प्रदेश में ऐसा पहली बार होगा जब इन संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रमुख सचिव स्तर का नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. प्रदेश में मौजूद कुल 5936 शत्रु संपत्तियों में से 1826 पर अवैध कब्जेदार कब्जा करके बैठे हैं. एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

अवैध कब्जेदारों पर चाबुक चलाने का निर्णय

उत्तर प्रदेश में शत्रु संपत्तियों को लेकर पूर्ववर्ती सरकारों का रवैया हमेशा उदासीन रहा है. हजारों करोड़ रुपए की ऐसी संपत्तियां जिनसे प्रदेश सरकार को अरबों रुपए का राजस्व मिल सकता था, उनको मुक्त कराने के लिए पहले की सरकारों ने कुछ नहीं किया और हाथ पर हाथ धरी बैठी रहीं. इसी उदासीनता का नतीजा है कि अवैध कब्जेदार इन पर आज भी काबिज हैं और नये निर्माण भी कर चुके हैं. सीएम योगी ने इन बेशकीमती संपत्तियों के महत्व को समझते हुए और प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए ऐसे अवैध कब्जेदारों पर चाबुक चलाने का निर्णय लिया है.

सहकब्जेदारों द्वारा कब्जा करने में लखनऊ अव्‍वल

उत्तर प्रदेश भूलेख की वेबसाइट (upbhulekh.gov.in) को देखें तो 1467 शत्रु संपत्तियों पर माफिया और अवैध कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है. 369 शत्रु संपत्तियों पर सहकब्जेदारों का कब्जा है. 424 संपत्तियों पर कांग्रेस, जनता पार्टी, बसपा और सपा सरकारों के कार्यकाल में मामूली दरों पर किराये पर दिए गए किरायेदार काबिज है. इस तरह प्रदेश में मौजूद 2250 शत्रु संपत्तियों पर किसी न किसी का कब्जा है. शत्रु संपत्तियों पर सबसे ज्यादा अवैध कब्जा शामली जिले में है. सहकब्जेदारों द्वारा कब्जा करने के मामले में लखनऊ पहले स्थान पर है. लखनऊ में किरायेदारों के कब्जे में भी सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं.

किरायेदारों की संपत्तियों का दोबारा होगा मूल्यांकन

सरकार किराए पर दी गई संपत्तियों का दोबारा मूल्यांकन भी कराने जा रही है. इन पर दशकों से काबिज किराएदार अभी तक मामूली किराया देते रहे हैं. इसको देखते हुए शत्रु संपत्तियों का बाजार दर के हिसाब से आंकलन किया जाएगा. उसके बाद फिर से सर्किल रेट के हिसाब से किराए की दरें तय की जाएंगी.

क्या है शत्रु संपत्ति

भारत विभाजन के बाद बहुत सारे लोग अपनी संपत्ति हिन्दुस्तान में छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्ति सहित 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद भारत सरकार ने इन देशों के नागरिकों की संपत्तियों को सीज कर दिया. इन्हीं सम्पत्तियों को शत्रु संपत्ति कहा जाता है.

अवैध कब्जे के मामले टॉप तीन जिले

  • शामली में 482 शत्रु संपत्तियों में से 268 पर अवैध कब्‍जा

  • कौशांबी में 456 शत्रु संपत्तियों में से 197 पर अवैध कब्‍जा

  • सीतापुर में 378 शत्रु संपत्तियों में से 111 पर अवैध कब्‍जा

किराएदारों के कब्जे के मामले में टॉप तीन जिले

  • लखनऊ में 361 शत्रु संपत्तियों में से 105 पर अवैध कब्‍जा

  • मुजफ्फरनगर में 274 शत्रु संपत्तियों में से 85 पर अवैध कब्‍जा

  • बदायूं में 250 शत्रु संपत्तियों में से 65 पर अवैध कब्‍जा

सह खातेदारों द्वारा कब्जे के मामले ये तीन जिले आगे

  • लखनऊ में 361 शत्रु संपत्तियों में से 57 पर सह खातेदारों का कब्‍जा

  • जौनपुर में 57 शत्रु संपत्तियों में से 40 पर सह खातेदारों का कब्‍जा

  • देवरिया में 51 शत्रु संपत्तियों में से 36 पर सह खातेदारों का कब्‍जा

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