वाराणसी में जल्द पूरा होगा सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट ‘पावन पथ’, योजना से जुड़ेंगे 500 धार्मिक स्थल
Varanasi News: वाराणसी में सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट पावन पथ का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने जा रहा है. पावन पथ के निर्माण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक पथ पर ही कई तीर्थ स्थलों के दर्शन की सुविधा हो जाएगी.
Varanasi News: धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट पावन पथ का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा होने जा रहा है. पावन पथ के निर्माण से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक पथ पर ही कई तीर्थ स्थलों के दर्शन की सुविधा हो जाएगी. मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही योगी आदित्यनाथ ने इसकी घोषणा की थी.
योजना से जुड़ेंगे 500 धार्मिक स्थल
इस पावन पथ योजना से वाराणसी के लगभग 500 धार्मिक स्थल जुड़ जाएंगे. इनमें श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, कालभैरव सहित सभी अष्ट भैरव मंदिर, नवभौरी, मानस ज्योतिर्लिंग, नवदुर्गा मंदिर जैसे कई पवित्र स्थल शामिल हैं. पर्यटन विभाग ने काशी के इन सभी मंदिरों को डिजिटल माध्यम से आपस में जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है.
28 करोड़ की लागत शुरू की गई थी योजना
पर्यटन विभाग ने 28 करोड़ की लागत से यह योजना शुरू की थी. इसे विकसित करने के पीछे यही उद्देश्य था कि काशी के सभी पौराणिक और धार्मिक स्थल श्रृंखलाबद्ध हो जाएं ताकि पर्यटकों को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा न हो. देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु और सैलानी श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन, दुर्गाकुंड, सारनाथ और गंगा आरती तक समिति रह जाते हैं, जबकि काशी में और भी कई धार्मिक स्थल काफी महत्वपूर्ण हैं.
काफी तेजी से चल रहा है निर्माण कार्य
इन मंदिरों को जोड़े जाने के साथ ही सड़क, पानी, बिजली और यूरिनल की व्यवस्था दुरुस्त कराई जाएगी, ताकि श्रद्धालु सभी मंदिरों में दर्शन-पूजन के लिए आसानी से पहुंच सकें. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि, इसके लिए 10 करोड़ रुपए जारी हो चुके हैं, फिलहाल काम काफी तेज गति से चल रहा है. इसके अलावा हाईवे, जंक्शन, सडक पर रिफ्लेक्टिव पेंट, ग्राफिक्स के साथ साइनेज और मैप लगाए जाएंगे. इसके लिए पावन पथ यात्रा के प्रत्येक मार्ग के शुरुआत और यात्रा के अंतिम पड़ाव पर भव्य द्वार बनाया जाएगा.
मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा काम
वाराणसी में विभिन्न प्रदेशों से लोग आते हैं, इसलिए बहुभाषी मानचित्र भी लगाया जाएगा. संबंधित इतिहास, आसपास के क्षेत्रों और तीर्थ स्थलों की सम्पूर्ण जानकारी, स्थानीय लोक साहित्य, स्थानीय पौष्टिक खान-पान की जानकारी दी जाएगी. वीडीए के वीसी ईशा दुहन ने बताया कि वीडीए की ओर से पावन पथ का डीपीआर शासन को भेज दिया गया है. अनुमति मिलते ही काम शुरू होगा. इस परियोजना को पूरा करने में लगभग 33.56 करोड़ खर्च होंगे. इसमें पहले चरण में 16.56 करोड़ और दूसरे चरण में 16.98 करोड़ खर्च होगा. 2023 मार्च तक यह काम पूरा हो जाएगा.
रिपोर्ट- विपिन सिंह