Lucknow News: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को श्रावस्ती से ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत कर दी है. इस दौरान उन्होंने हर विधायक को एक स्कूल गोद लेने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि सभी अपने स्तर से बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें. साक्षरता बढ़ाने पर सरकार का पूरा जोर है. यह अभियान कम साक्षरता वाले जिलों में खासकर चलाया जाएगा. इसके तहत 2 करोड़ बच्चों को ‘स्कूल चलो अभियान’ के साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना को सफल बनाने के लिए 30 अप्रैल तक डोर-टू-डोर अभियान की शुरुआत की जाएगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बच्चों को स्कूल से जोड़ना सरकार की और जनता के प्रतिनिधियों की प्राथमिकता होनी चाहिए. बच्चों की स्कूल यूनिफॉर्म, किताबें आदि समय से मुहैया हो सकें, इस पर जोर देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास होना चाहिए कि हर विद्यालय के पास खेल का मैदान होना चाहिए. स्कूल की इमारत का निर्माण होना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि साल 2017 के पहले स्कूलों में स्मार्ट क्लास चलाने की व्यवस्था नहीं होती थी. मगर अब है.
जनपद श्रावस्ती से 'स्कूल चलो अभियान' की शुरुआत करते #UPCM श्री @myogiadityanath जी#शिक्षित_यूपी_विकसित_यूपी https://t.co/QN7wB9UJNI
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) April 4, 2022
उन्होंने अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि यूपी जैसे राज्य में बच्चों की शिक्षा को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी है कि हर सप्ताह इस बात की समीक्षा होनी चाहिए कि कितने बच्चे इस योजना से जुड़े हैं. कक्षा 1 से 8वीं तक के क्लास बच्चों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस योजना से जोड़ने का प्रयास होना चाहिए. वहीं, स्कूलों में स्मार्ट क्लास की सुविधा को बढ़ाने की कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है ताकि कोरोना जैसी महामारी आने के बाद हर बच्चे को घर बैठे शिक्षा मुहैया कराई जा सके.
सीएम योगी आदित्यनाथ कहा कहा है कि प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों की हालत में काफी सुधार हो गया है. बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में भी प्रवेश बड़ी संख्या में हो रहे हैं. सरकारी स्कूलों के प्रति भी अभिभावकों का रुझान काफी बढ़ा है. उनका निर्देश है कि सिर्फ जनप्रतिनिधि ही नहीं, अफसर भी प्राइमरी तथा बेसिक स्कूलों को गोद लें. मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह वृहद अभियान पूरे उत्तर प्रदेश में व्यापक तौर पर चलाया जाएगा. मुख्यमंत्री का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण बच्चों के दो वर्ष शैक्षिक स्तर पर कमजोर रहे जिसे आगे गति देने के लिए यह अभियान चलाया जाएगा.