भाइयों की कलाइयों पर सजाइए टेराकोटा की राखियां, गोरखपुर की पारंपर‍िक कला को मिला सीएम योगी का सहारा

मूलतः दिल्ली की रहने वालीं डॉ भावना सिंघल ने टेराकोटा से जुड़ी महिलाओं को अपनी तरफ से डिजाइन देकर बड़े पैमाने पर टेराकोटा की राखियां बनवाई हैं. उन्‍होंने शुक्रवार 15 जुलाई को गोरखपुर में टेराकोटा की राखियों की प्रदर्शनी लगाई. प्रदर्शनी में मिट्टी से बनी रंग-बिरंगी राखियों की खरीदारी भी की गई.

By Prabhat Khabar News Desk | July 15, 2022 5:20 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर की माटी की विशिष्ट शिल्पकला ‘टेराकोटा’ को सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ के ओडीओपी का सहारा मिल गया है. सरकार ने इसकी ब्रांडिंग का दायरा ग्लोबल कर दिया है. टेराकोटा के प्रोडक्‍ट्स बाजारों में धूम मचा रहे हैं. अब मिट्टी की ज्वेलरी के बाद भाइयों की कलाइयों पर भी टेराकोटा की राखियां सजने को तैयार हैं.

टेराकोटा की राखियों की प्रदर्शनी लगाई

मूलतः दिल्ली की रहने वालीं डॉ भावना सिंघल ने टेराकोटा से जुड़ी महिलाओं को अपनी तरफ से डिजाइन देकर बड़े पैमाने पर टेराकोटा की राखियां बनवाई हैं. उन्‍होंने शुक्रवार 15 जुलाई को गोरखपुर में टेराकोटा की राखियों की प्रदर्शनी लगाई. प्रदर्शनी में मिट्टी से बनी रंग-बिरंगी राखियों की खरीदारी भी की गई. भावना का कहना है कि घर में रखे टेराकोटा की मूर्तियों की खूबसूरती की लोगों से मिली तारीफ से उनके मन में इस शिल्प की राखियों को बनवाने का विचार आया.

टेराकोटा के गहने भी जमा रहे धाक

टेराकोटा के मिट्टी के आकर्षक गहने भी अपनी धाक जमा रहे हैं. इस शिल्प से बने नेकलेस, झुमका, बाली, कंगन की मांग बढ़ रही है. सोने के गहनों को टक्कर दे रहे इन आभूषणों की सुंदरता महिलाओं का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. दरअसल, सीएम योगी के विजन से टेराकोटा शिल्पकारों का जीवन बदल गया है. ओडीओपी में शामिल किए जाने के बाद उनके उत्पादों की इतनी मांग हो गई है कि नए ऑर्डर कई महीनों की वेटिंग में जा रहे हैं. ओडीओपी ने इसे उद्यमिता और रोजगार का बड़ा फलक प्रदान किया है. योगी सरकार के प्रयासों से यह अब ग्लोबल ब्रांड के रूप में स्थापित हो रहा है.

सीएफसी से मजबूत होगी ब्रांड‍िंग

इसी कड़ी में सरकार कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) के जरिये टेराकोटा की ब्रांडिंग को और मजबूत करने जा रही है. गोरखपुर में दो सीएफसी बनाए जा रहे हैं.सीएफसी बनने से टेराकोटा शिल्पियों को एक ही छत के नीचे गुणवत्ता जांच, ट्रेनिंग समेत सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी. इससे टेराकोटा के बाजार का और भी विस्तार होगा. सरकार के ही प्रयासों से टेराकोटा उत्पाद कई ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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