कम्हरिया घाट पुल की सौगात देते समय सीएम योगी को क्यों आई सपा सरकार की याद, फोरलेन के दूसरे पुल का ऐलान

सीएम योगी ने गुरुवार दोपहर बाद सरयू (घाघरा) नदी के कम्हरिया घाट पर बने करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे पुल का लोकार्पण करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जिस समय कम्हरिया घाट पर पुल की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा था, उस समय संसद चल रही थी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 18, 2022 7:39 PM

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की सपा सरकार पर विकास कार्य बाधित करने को लेकर सीधा निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘वे (समाजवादी पार्टी) लोगों को बांटते थे. इसलिए गोरखपुर के दक्षिणांचल में कम्हरिया घाट पर पुल का विरोध करते थे. हम सबको जोड़ते हैं. इसलिए इस घाट पर सेतु बनवाकर दे दिया.’ सीएम योगी ने यह भी घोषणा की कि इस पल की सौगात देने के साथ सरकार फोरलेन का दूसरा पुल भी बनाने जा रही है.

सपा सरकार क्यों किया याद?

सीएम योगी ने गुरुवार दोपहर बाद सरयू (घाघरा) नदी के कम्हरिया घाट पर बने करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे पुल का लोकार्पण करने के बाद यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जिस समय कम्हरिया घाट पर पुल की मांग को लेकर आंदोलन हो रहा था, उस समय संसद चल रही थी. सरयू मैया की कृपा से तब एक बड़ी घटना होने से बच पाई थी. आंदोलन को दबाने के लिए तत्कालीन सपा सरकार ने तमाम अत्याचार किए. तब इस मुद्दे को उन्होंने देश की संसद में उठाया था. देश के सामने इस तथ्य को रखा था कि विकास से कोसों दूर गोरखपुर के दक्षिणांचल के लिए इस पुल का निर्माण अपरिहार्य है.

दक्षिणांचल क्षेत्र भी बेहद महत्वपूर्ण

सीएम ने कहा कि कम्हरिया घाट पर सेतु बन जाने से प्रयागराज, अंबेडकरनगर आजमगढ़ आदि जनपदों की दूरी बहुत सीमित हो जाएगी. बेलघाट, सिकरीगंज और आसपास का यह क्षेत्र गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के साथ भी जुड़कर अब विकास संग कदमताल करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दक्षिणांचल विकास से भले ही कोसों दूर रहा लेकिन सांस्कृतिक रूप से यह बेहद समृद्ध क्षेत्र है. क्षेत्र में पड़ने वाले रामजानकी मार्ग को पूर्व की सरकारों ने भुला दिया था. हमारी सरकार जनकपुर से अयोध्या तक को जोड़ रही है और इनके बीच यह दक्षिणांचल क्षेत्र भी बेहद महत्वपूर्ण है.

पराली व गोबर से भी पैसा कमाएंगे किसान

सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार दक्षिणांचल के लोगों के विकास व उनकी आर्थिक समृद्धि को लेकर बेहद संवेदनशील है. इसी कारण धुरियापार में बायोफ्यूल प्लांट की स्थापना की जा रही है. यहां किसान पराली व गोबर से भी पैसे कमाएंगेम यानी आम के आम, गुठलियों के भी दाम वाली स्थिति होगी.

स्वावलंबन का आधार बनेगी प्राकृतिक खेती

उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मंशा है कि हमारे किसान आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करें, स्वावलंबी बनें. इसके लिए हमें प्राकृतिक खेती की तरफ अग्रसर होना होगा. सीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे खेतों में चार गुना उत्पादन की क्षमता है लेकिन तकनीकी की जानकारी के अभाव में हम उस क्षमता का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं. यदि हम प्राकृतिक खेती को तकनीकी के साथ जोड़कर आगे बढ़ेंगे तो जहां एक एकड़ में 10 कुंतल धान की उपज होती है वहां 40 से 45 कुंतल धान उपजाया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने से केमिकल फर्टिलाइजर व पेस्टिसाइड पर खर्च शून्य होगा. कम लागत पर अधिक उत्पादन होगा और कुल मिलाकर प्राकृतिक खेती स्वावलंबन का आधार बनेगी.

Also Read: Gorakhpur News: सीएम योगी ने की गोरखपुर से प्रयागराज दूरी ‘कम’, 500 गांव के 20 लाख लोगों को होगा सीधा लाभ

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

Next Article

Exit mobile version