कोरोना महामारी के कारण निराश्रित हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अभिनव पहल

कोरोना की विभीषिका में अनाथ हुए बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा का प्रबंध कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. सीएम ने ताजा निर्देशों के मुताबिक "मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना" अंतर्गत मासिक वित्तीय सहायता पाने के लिए ऐसे निराश्रित बच्चे भी पात्र होंगे जिनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले संरक्षक की वार्षिक आय 3 लाख तक होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2021 10:31 AM
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कोरोना की विभीषिका में अनाथ हुए बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा-दीक्षा का प्रबंध कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. सीएम ने ताजा निर्देशों के मुताबिक “मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना” अंतर्गत मासिक वित्तीय सहायता पाने के लिए ऐसे निराश्रित बच्चे भी पात्र होंगे जिनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले संरक्षक की वार्षिक आय 3 लाख तक होगी. अभी तक यह आय सीमा 2 लाख तक ही थी. ऐसे बच्चों के वयस्क होने तक, उनके अभिभावक/संरक्षक को मासिक 4,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

बुधवार को कोविड प्रबंधन संबंधी टीम-09 की बैठक में सीएम योगी ने कहा कि अनाथ बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सहित विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ शुरू की गई है. एक भी निराश्रित बच्चा इस योजना से वंचित न रहे. योजनांतर्गत ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा यदि उनमें से एक ही जीवित थे, तो उन्हें अथवा विधिक अभिभावक को खो दिया हो और जो अनाथ हो गए हों तो राज्य सरकार द्वारा उनकी समुचित देखभाल करने की जिम्मेदारी उठाई है.

यही नहीं, दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, उनके लिए भी प्रबंध किए गए हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को टैबलेट अथवा लैपटॉप दिया जाएगा तो सरकार बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था भी करेगी. बालिकाओं की शादी के लिए राज्य सरकार द्वारा 1,01,000 की राशि दी जाएगी.

उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के प्रमुख बिंदु

● 01- बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को ₹4,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

● 02- दस वर्ष की आयु से कम के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी. मथुरा, लखनऊ प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं.

● 03- अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी. इन्हें भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा. जहां इनकी देखभाल और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंध होंगे. वर्तमान में प्रदेश में 13 ऐसे बाल गृह संचालित हैं. इसके अलावा, सुविधानुसार इन्हें प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी.

● 04- बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी हेतु रुपये 1,01,000 की राशि उपलब्ध कराएगी.

● 05- स्कूल अथवा कॉलेज में पढ़ रहे अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराएगी.

Posted by: Pritish Sahay

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