Gorakhpur News: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आकस्मिक विभाग में उपचार के दौरान प्रेगनेन्सी महिला की मौत हो गई. इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए शासन ने कार्रवाई की है. प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ट्वीट कर लिखा, ‘जिला अस्पताल सिद्धार्थनगर से रेफर्ड ट्विन प्रेगनेन्सी महिला मरीज का बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर के आकस्मिक विभाग में उपचार न होने के कारण हुई मृत्यु में जांचोपरांत उत्तरदायी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए सुपरवीजन में शिथिलता के दोषी प्रधानाचार्य का स्पष्टीकरण भी मांगे जाने के आदेश मेरे द्वारा प्रमुख सचिव को दिये गये हैं.’
दरअसल, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में बीते 22 जुलाई को डॉक्टरों व कर्मचारियों की लापरवाही से सिद्धार्थनगर जिले के बेलहरा की रहने वाली गर्भवती चंदा त्रिपाठी की मौत हो गई. उसके गर्भ में दो बच्चे पल रहे थे. अगर मेडिकल प्रशासन ने समय से उपचार किया होता तो उसकी जान बच गई होती. समय से अस्पताल पहुंचने के बाद भी 5 घंटे तक कर्मचारियों और डॉक्टरों की लापरवाही से मरीज को उपचार नहीं मिल पाया था.
कर्मचारी मरीज के परिजन को ट्रामा सेंटर, सुपर स्पेशलिटी वार्ड, ओपीडी में दौड़ाते रहे, जिसके बाद उपचार न मिलने की वजह से गर्भवती और उसके गर्भ में पल रहे दो बच्चों की मौत हो गई, जिसके बाद से परिजनों ने हंगामा किया था, लेकिन उस समय में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने मामले की जानकारी ना होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ दिया था. बाद में जब इस खबर को मीडिया ने उठाया तो इस पर जांच बैठी.
मीडिया में खबर उठने के बाद शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी गठित कर दी थी. कमेटी की रिपोर्ट पर डिप्टी सीएम ने यह कार्रवाई की है. विधान परिषद सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने इस मामले की शिकायत शासन से की थी.
रिपोर्टर- कुमार प्रदीप, गोरखपुर