सीएमएस की छात्रा किंजल शर्मा को इंट्रोडक्शन ऑफ चीता इन इंडिया डिबेट में पहला पुरस्कार
किंजल शर्मा सीएमएस स्टेशन रोड शाखा की कक्षा 9ए की छात्रा हैं. वह विभिन्न डिबेट में हिस्सा लेती रहती हैं. इस बार उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय के ओएनजीसी एडवांस्ड स्टडी विभाग में हुई डिबेट में पहला पुरस्कार मिला है.
Lucknow: सीएमएस स्टेशन रोड की क्लास 9A की छात्रा किंजल शर्मा को लखनऊ विश्वविद्यालय के ओएनजीसी एडवांस्ड स्टडी विभाग में हुई इंट्रोडक्शन ऑफ चीता इन इंडिया डिबेट में पहला पुरस्कार मिला है. राष्ट्रीय स्तर की इस डिबेट में कई स्कूलों के छात्रों ने हिस्सा लिया था. किंजल इससे पहले भी कई डिबेट में पुरस्कार जीत चुकी हैं.
डिबेट से छात्र-छात्राओं की बढ़ती है बौद्धिक क्षमता
डिबेट के पुरस्कार वितरण समारोह में जज ने कहा कि ऐसी बहस छात्र-छात्राओं के बौद्धिक स्तर को बढ़ाती है. इसलिए लगातार इसमें हिस्सा लेते रहना चाहिए. उन्होंने किंजल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने न सिर्फ अपने स्कूल का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के मान को बढ़ाया है. किंजल शर्मा के पिता प्रदीप विश्वकर्मा वरिष्ठ पत्रकार हैं.
1952 में चीते को विलुप्त घोषित किया गया था
गौरतलब है कि चीते भारत से विलुप्त हो चुके हैं. माना जाता है कि वर्ष 1947 में भारत में बचे तीन चीतों को शिकार में मार दिया गया था. इसके बाद देश में चीते नहीं दिखे. वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीतों को अपने देश में विलुप्त घोषित कर दिया था. 17 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. नमीबिया से भारत में आठ चीते लाये गये हैं.