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NHM UP: कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर ने किया एनएचएम का घेराव, गृह जिले में प्रशिक्षण की मांग

CHO ट्रेनिंग की वेटिंग लिस्ट में शामिल व अन्य अभ्यर्थियों को जिले भरने का विकल्प दिया गया. फिर से जिलों का विकल्प मांगने से अभ्यर्थी चिंता में हैं. इसी को लेकर सभी सोमवार को अचानक एनएचएम कार्यालय पहुंच गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2022 8:08 PM

Lucknow: कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) के पद पर प्रशिक्षण के लिये चुने गये अभ्यर्थियों ने गृह जिले में प्रशिक्षण देने की मांग को लेकर एनएचएम (National Health Mission) के कार्यालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में एपी सेन रोड स्थित एनएचएम (NHM) कार्यालय पहुंची महिला व पुरुष अभ्यर्थियों ने प्रशिक्षण नीति को गलत बताया. कई घंटे तक प्रदर्शन के बाद भी किसी अधिकारी ने उनकी बात नहीं सुनी. इसके पुलिस सभी को हिरासत में लेकर ईको गार्डन ले गयी. जहां से उन्हें रिहाकर दिया गया.

5494 अभ्यर्थी हैं ट्रेनिंग को लेकर परेशान

एनएचएम (NHM) कार्यालय पहुंचे अभ्यर्थियों ने बताया कि हम सभी अभ्यर्थियों का चयन कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर CHO-5505 भर्ती में हुआ था. 12 नवंबर 2022 को लिस्ट जारी की गई, जिसमें 5494 CHO को चुना गया. 14 नवंबर 2022 से 24 नवंबर 2022 तक दस्तावेज सत्यापन के निर्देश दिये गये. जिसमें प्रतिदिन 7 से 8 ईमेल अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए भेजी जाती थी.

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मानदेय भी नहीं मिल रहा

घर के नजदीकी प्रशिक्षण संस्थान को देखते हुए सभी अभ्यर्थी अपने-अपने दस्तावेज सत्यापन के लिए जा पहुंचे. 03 दिसंबर 2022 को वेटिंग लिस्ट जारी की गई. साथ ही बताया गया कि ट्रेनिंग 04 महीने की होगी. जिसमें प्रतिमाह 10,000 रुपये वेतन देने का निर्देश दिया गया था. दस्तावेज सत्यापन के साथ ही 2.50 लाख रुपये का बांड भराया गया. लेकिन अभ्यर्थियों को मानदेय भी नहीं मिल रहा है.

एक महीने की ट्रेनिंग के बाद मांगा फिर से विकल्प

अभ्यर्थियों ने बताया कि 1 महीने की ट्रेनिंग के बाद 23 दिसंबर 2022 को दूसरी लिस्ट जारी की गयी. जिसमें जिलों का पूरा आवंटन किया गया और निर्देश जारी किए गए कि शेष ट्रेनिंग अन्य जिलों में होगी. वेटिंग लिस्ट में शामिल व अन्य अभ्यर्थियों को जिले भरने का विकल्प दिया गया. फिर से जिलों का विकल्प मांगने से अभ्यर्थी चिंता में हैं. इसी को लेकर सभी सोमवार को अचानक एनएचएम कार्यालय पहुंच गये.

800 किलोमीटर दूर प्रशिक्षण के लिये भेजा

अभ्यर्थियों का कहना है कि जिलों के आवंटन के बाद सभी अभ्यर्थी मानसिक रूप से तनाव में हैं, क्योंकि प्राप्त हुए जिले घर से 800 से 1000 किमी की दूरी पर हैं. महिला अभ्यर्थियों को इससे परेशानी हो गयी है. किसी महिला अभ्यर्थी का बच्चा छोटा है एवं कुछ महिलाओं के माता-पिता और ससुराल वाले समाज में हो रहे लड़कियों के साथ अत्याचारों को देखते हुए इतनी दूर जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. कोई विकलांग है तो किसी के माता-पिता बीमार हैं. लेकिन एनएचएम प्रशासन कुछ सुनने को तैयार नहीं है.

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