Lucknow: उत्तर प्रदेश में बढ़ते औद्योगिक निवेश के मद्देनजर भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने नए निजी लॉजिस्टिक पार्क बनाने का फैसला किया है. इसके लिए निवेशकों को फास्ट ट्रैक आधार पर भूमि आवंटित की जाएगी. कैबिनेट बैठक में गुरुवार को ‘उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स नीति-2022’ को मंजूरी प्रदान की गई है.
प्रदेश सरकार के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में नयी प्रौद्योगिकियों के विकास को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर का कारोबारी माहौल बनाने के लिए यह नीति बनायी गयी है. इस नीति के सफल तरीके से लागू होने पर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा. यह नीति अगले पांच वर्षों के लिए प्रभावी होगी. इसमें निजी लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने पर स्टांप ड्यूटी और भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में रियायतें दी जाएगी.
प्रदेश सरकार के मुताबिक नीति के तहत लॉजिस्टिक पार्क्स के लिए फास्ट ट्रैक भूमि आवंटन, लॉजिस्टिक्स परिक्षेत्रों के विकास के साथ ही प्रोत्साहन दिया जाएगा. लॉजिस्टिक पार्कों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तीन चरणों में किया जाएगा. पहला चरण में भंडारण सुविधा के तहत गोदाम, साइलोज, कोल्ड चेन की सुविधा दी जाएगी. दूसरे चरण में मल्टीमाडल पार्क के तहत अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, कंटेनर फ्रेट स्टेशन सहित लॉजिस्टिक्स पार्क्स, ड्राई पोट और एयर फ्रेट स्टेशन भी बनाए जाएंगे. तीसरे चरण में अन्य सुविधाओं के तहत निजी फ्रेट टर्मिनल, निजी बर्थिंग टर्मिनल एवं अन्तर्देशीय पोत की स्थापना पर आकर्षक सब्सिडी और रियायतें दी जाएगी.
नीति की अधिसूचना जारी होने पर उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2018 निरस्त हो जाएगी. वर्ष 2018 की नीति के तहत प्रोत्साहनों के संबंध में अनुमोदित पैकेज वाली परियोजनाएं लाभ प्राप्त करने उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2018 के तहत अधिकृत रहेंगी.
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प्रदेश सरकार के मुताबिक उत्तर प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स नीति-2022 का उद्देश्य सुदृढ़ परिवहन अवस्थापना नेटवर्क का सृजन और वर्तमान वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का का विकास करना करना है. साथ ही लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने एवं दक्षता में सुधार के लिए राज्य में लॉजिस्टिक्स सेवाओं के एकीकृत विकास को प्रोत्साहित करना है. नीति से प्रदेश में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास के लिए प्रभावी संस्थागत तंत्र स्थापित होगा. लॉजिस्टिक्स सुविधाओं की स्थापना में निजी निवेश आकर्षित होगा.
निजी लॉजिस्टिक पार्क स्थापित करने वाले निवेशकों को भूमि और भवन की खरीद पर स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी. उन्हें भू उपयोग परिवर्तन में भी छूट दी जाएगी. विद्युत शुल्क भी छूट दी जाएगी.