Congress News: कन्हैयालाल की हत्या से बीजेपी के तार जुड़े, कांग्रेस ने कहा बीजेपी की मिलीभगत

उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के बाद जो बीजेपी राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर थी, इन दिनों बैकफुट पर है. इसके पीछे कन्हैयालाल की हत्या करने वालों के तार से बीजेपी से जुड़े होने का खुलासा होना है. अब कांग्रेस नेता इस मामले को पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2022 6:43 PM

Lucknow: कांग्रेस इन दिनों पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है. उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या के मामले के आरोपियों के बीजेपी से तार जुड़े होने की जानकारी सामने आने के बाद यह हमले और तेज हो गए हैं. अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष शोभा ओझा ने शनिवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला.

शोभा ओझा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आतंकवाद पर राजनीति के पक्ष में कभी नहीं रही है. लेकिन आज जो हालात हैं और जिस तरह से एक के बाद एक घटनाओं में लगातार आतंकियों और अपराधियों के तार भाजपा से जुड़े मिल रहे हैं, ऐसे में सवाल पूछना जरूरी हो जाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में देश के साथ घिनौना खेल खेल रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा का आतंकवादियों से नाता है ये रिश्ता क्या कहलाता है?

कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले दिनों उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या में शामिल एक आरोपी ‘मोहम्मद रियाज अत्तारी’ बीजेपी का कार्यकर्ता निकला है. इसने बाकायदा बीजेपी के नेताओं की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ली थी. रियाज राजस्थान विधानसभा में बीजेपी के नेता और पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया के दामाद एवं पूर्व पार्षद अतुल चंडालिया की फैक्ट्री में काम कर चुका है. इसे भाजपा के कई कार्यक्रमों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ देखा गया है.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में ग्रामीणों ने जिस लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को पकड़ा है. उनमें से एक ‘तालिब हुसैन शाह’ भाजपा का पदाधिकारी निकला. इसकी बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ देश के गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी तस्वीर है. जब ये पकड़ा गया तब, पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे श्रद्धालुओं पर हमले की योजना बना रहा था.

यही नहीं महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के कथित मास्टरमाइंड इरफान खान का निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा से संबंध है. राणा दंपति का बीजेपी से क्या रिश्ता है, ये किसी से छिपा नहीं है. इरफान खान राणा दंपति के लिए प्रचार करता था और वोट मांगता था.

शोभा ओझा ने पत्रकार वार्ता में कहा कि वर्ष 2020 में जम्मू कश्मीर में आतंकियों को हथियार मुहैया कराने के आरोप में भाजपा के पूर्व नेता एवं सरपंच ‘तारिक अहमद मीर’ को गिरफ्तार किया गया था. तारिक़ अहमद पर हिजबुल कमांडर नवेद बाबू को हथियार देने का आरोप था, जो आतंकियों की मदद करने वाले डीएसपी दविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार हुआ था. एनआईए ने कहा भी था कि ‘तारिक़ अहमद मीर’ दविंदर सिंह का सहयोगी है. यदि दविंदर सिंह के मामले की ढंग से जांच होती तो सच्चाई का पता चलता लेकिन जांच बीच में ही रोक दी गई.

कांग्रेस ने यह भी लगाए आरोप

  • वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश में एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करते हुए ISI के 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. इनमें एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य ध्रुव सक्सेना भी था. जिसकी राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के साथ तक तस्वीरें है. इसके 2 साल बाद 2019 में मध्य प्रदेश में ही टेरर फंडिंग के आरोप में बजरंग दल के एक नेता ‘बलराम सिंह’की गिरफ्तारी हुई थी.

  • वर्ष 2017 में असम के भाजपा नेता ‘निरंजन होजाई’ को एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई. इन्हें एक हजार करोड़ के वित्तीय घोटाले एवं टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया था. इनकी फंडिंग से मिले पैसों से आतंकवादी हथियार आदि खरीदते थे जिसका इस्तेमाल देश की सेवा में लगे सुरक्षा बलों के खिलाफ होता था.

  • बीजेपी सत्ता के लिए अपराध सिद्ध आतंकवादी को भी टिकट देने से नहीं चुकी है. इसी भारतीय जनता पार्टी ने मसूद अजहर के शागिर्द ‘मोहम्मद फारुख खान’ को स्थानीय चुनाव में श्रीनगर के वार्ड नंबर 33 से टिकट दिया था. जो जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट एवं हरकत उल मुजाहिदीन का सदस्य रह चुका है.

  • आतंकवादी मसूद अजहर को भी इसी बीजेपी की सरकार ने छोड़ा था, जिसके बाद उसने देश में कई आतंकी वारदात को अंजाम दिया. पुलवामा में जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था, वहां 200 किलो आरडीएक्स कैसे पहुंचा, इसका जवाब अभी तक देश को नहीं मिला है. इसकी जांच अभी तक क्यों हुई ये भी एक सवाल है?

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