माफ‍िया मुख्‍तार अंसारी को लेकर पंजाब में घिरी कांग्रेस, यूपी में पूछा गया- गैंगस्टर से इतना लगाव क्यों?

फर्जी एफआईआर का हवाला देकर 2 साल और 3 महीने तक गलत तरीकों से पंजाब की जेल में रखकर उसका खर्चा वहन करने पर आम आदमी पार्टी के विधायक ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाये हैं. न‍ियम के विरुद्ध जाकर पंजाब सरकार की ओर से उठाये गए इस कदम को लेकर अब यूपी में सवाल पूछा गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 29, 2022 2:46 PM

Mukhtar Ansari News: यूपी की बांदा जेल में बंद मुख्‍तार अंसारी को लेकर पंजाब की व‍िधानसभा में घमासान मच गया है. फर्जी एफआईआर का हवाला देकर 2 साल और 3 महीने तक गलत तरीकों से पंजाब की जेल में रखकर उसका खर्चा वहन करने पर आम आदमी पार्टी के विधायक ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाये हैं. न‍ियम के विरुद्ध जाकर पंजाब सरकार की ओर से उठाये गए इस कदम को लेकर अब यूपी के सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ के मीड‍िया सलाहकार मृत्‍युंजय कुमार ने ट्वीट किया है.

मृत्‍युंजय कुमार ने ट्वीट कर लिखा है, ‘जाली एफआईआर करके पंजाब कांग्रेस सरकार ने ढाई साल तक मुख़्तार अंसारी को बचाया. बीस लोगों के बैरक में मुख़्तार अकेला वीआईपी की तरह अपनी पत्नी के साथ रहता था. जब यूपी पुलिस ने उसे ले जाने की कोशिश की तो उसके बचाव में वकील की फीस तक कांग्रेस ने भरी. एक गैंगस्टर से इतना लगाव क्यों?’ इस संदेश के साथ ही उन्‍होंने पंजाब विधानसभा की कार्यवाही की एक वीड‍ियो क्‍ल‍िप भी शेयर की है.

‘अंसारी को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट मिली’

दरअसल, पंजाब विधानसभा में मंगलवार को कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को लेकर जमकर बवाल हुआ. जेलमंत्री हरजोत बैंस ने दावा किया, ‘अंसारी को फर्जी एफआईआर दर्ज कर 2 साल 3 महीने पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया. उसका चालान तक पेश नहीं किया गया. अंसारी ने जान-बूझकर उस केस में जमानत नहीं ली. जिस बैरक में 25 कैदी आने चाहिए थे वहां वह पत्नी के साथ रहता था. अंसारी को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया.’

‘मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा’

इसके आगे पंजाब के जेल मंत्री ने कहा, ‘यूपी सरकार ने 26 बार प्रोडक्शन वारंट निकाले लेकिन उसे पंजाब से यूपी नहीं भेजा गया. अंत में यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट गई. इसके विरोध में पंजाब सरकार ने 11 लाख रुपये फीस वाले सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील को हायर किया. अब इसका 55 लाख का बिल आया है. यह बिल हम क्यों दें? मैंने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं.’ इस खुलासे के बाद ही पंजाब विधानसभा में हंगामा मच गया. इसके बदले में विपक्षी दल कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा, ‘जेल मंत्री ने यह बात विधानसभा में कही है. अगर यह बात साबित न हुई तो मंत्री को इस्तीफा देना पड़ेगा.’

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