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UP Nikay Chunav: कांग्रेस सोशल इंजीनियरिंग की राह पर, संगठन में पहले अपना चुकी है फार्मूला, ये है प्लान..

पार्टी ने यूपी नगर निकाय चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाने का फैसला किया है. हालांकि, कांग्रेस संगठन में पहले ही सोशल इंजीनियरिंग अपना चुकीं है. लेकिन, अब निकाय चुनाव के टिकट वितरण में भी अपनाई जाएगी. इसके लिए प्लान तैयार किया जा चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 20, 2022 4:19 PM

Bareilly: उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव 2022 को सभी सियासी दल लोकसभा का सेमीफाइनल मानकर तैयारियों में जुटे हैं. देश और प्रदेश की सत्ता पर लंबे समय तक काबिज रहने वाली कांग्रेस, एक बार फिर यूपी में सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश में जुटी है.

पार्टी ने यूपी नगर निकाय चुनाव में सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाने का फैसला किया है. हालांकि, कांग्रेस संगठन में पहले ही सोशल इंजीनियरिंग अपना चुकीं है. लेकिन, अब निकाय चुनाव के टिकट वितरण में भी अपनाई जाएगी. इसके लिए प्लान तैयार किया जा चुका है.

सोशल इंजीनियरिंग का इस तरह होगा पालन

कांग्रेस ने सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले की तरफ कदम बढ़ाया है. इसमें संगठन के साथ ही टिकट में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने का फैसला किया है. कांग्रेस विधानसभा चुनाव की तरह निकाय में भी महिलाओं को आरक्षण देने के साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों की महिलाओं को अलग से टिकट में आरक्षण देने के पक्ष में है. पार्टी निजी क्षेत्र में आरक्षण और जातिगत जनगणना के पक्ष में भी खुलकर रुख अपना रुख रखने की तैयारी में है.

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चुनाव के बाद संगठन में फेरबदल

कांग्रेस नगर निकाय चुनाव में अधिक से अधिक सीट जीतने की कोशिश में है. इसको लेकर सभी कांग्रेसी जुटे हैं. संगठन में फेरबदल नगर निकाय चुनाव के बाद ही होना तय है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने सभी जिला और महानगर अध्यक्षों को नगर निकाय चुनाव में अधिक से अधिक लोगों को कांग्रेस से जोड़ने के निर्देश दिए हैं, जिसके चलते बरेली में भी सपा और बसपा दलों के लोगों को कांग्रेस में शामिल किया गया है. इसके साथ ही कई बड़े नेता संपर्क में हैं.

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