Ayodhya Ram Mandir Construction: देश का सपना और यूपी की नई पहचान यानी अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण कार्य 50 प्रतिशत से अधिक पूरा हो चुका है. 2.77 एकड़ के मंदिर क्षेत्र में ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मंदिर में सरिया का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं किया जा रहा है. तांबे की पत्तियों से पत्थरों को जोड़ने का काम किया जा रहा है. मंदिर की तस्वीर अब खुलकर सामने आ गई है.
The construction of Ram Mandir is in full swing in Ayodhya
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 25, 2022
PM Modi is very happy with progress of the construction work here. The work for the sanctum sanctorum & ground floor will be completed within the target set:Champat Rai, General Secy,Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra pic.twitter.com/lMZF4m91MA
अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से मंगलवार को जानकारी दी गई है कि मंदिर निर्माण का 50 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है और दिसंबर 2023 तक मंदिर का गर्भगृह व प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा. वहीं जनवरी 2024 तक हर हाल में रामलला भी गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे. जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से महासचिव चंपत राय ने यह जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने परिसर में चल रहे निर्माण कार्य को भी दिखाया. अयोध्या में पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को लेकर काफी सजग हैं. वह प्रतिमाह निर्माण कार्य की प्रगति की रिपोर्ट ले रहे हैं. साथ ही, वह जब भी अयोध्या में होते हैं तो रामलला के दर्शनों के साथ ही निर्माण कार्यों की प्रगति का निरीक्षण भी करते हैं.
महासचिव चंपत राय ने बताया कि मुख्य मंदिर 350X250 फीट का होगा. दिसंबर 2023 तक ग्राउंड फ्लोर का काम होगा. प्रधानमंत्री ने कहा है कि ये बन तो रहा है लेकिन इसकी सुरक्षा पर खास ध्यान देना होगा. साथ ही देखना होगा कि मंदिर निर्माण के बाद जब पर्यटक यहां आएंगे तो 5 किमी तक की आबादी पर इसका कितना दबाव पड़ेगा. पीएम के निर्देश पर राज्य सरकार के साथ मंत्रणा के बाद इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया कि 2024 तक सार्वजनिक तौर पर मंदिर में रामलला के दर्शन की उम्मीद की जा सकती है. अभी अष्टकोणीय गर्भगृह में काम जारी है. यहां 500 विशाल पत्थर बिछाए जा चुके हैं.
ट्रस्ट के सचिव ने बताया कि मंदिर के पहले तल का काम लगभग 50 फीसदी पूरा हो चुका है. मंदिर के पहले तल में कुल 160 पिलर होंगे जबकि मंदिर के दूसरे तल में करीब 82 पिलर होंगे. राम मंदिर में कुल 12 दरवाजे होंगे. ये दरवाजे सागौन की लकड़ी के बनेंगे. दिसंबर 2023 तक इसका काम पूरा होने का अनुमान है. वहीं 2024 की मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा की उम्मीद है.
नक्काशी के लिए राजस्थान स्थित सिरोही जिले के पिंडवाड़ा कस्बे से पत्थर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन पत्थरों पर नक्कासी हुई है वो पत्थर यहां लाए जा रहे हैं. वहीं, कार्यशाला से भी पत्थर लाए जा रहे हैं. मंदिर के आंदोलन के वक्त से ही कार्यशाला में भरतपुर से पत्थर आते थे. सोमपुरा में लंबे समय तक पत्थरों पर नक्कासी हुई है. इसके अलावा कार्यशाला से भी सारे पत्थर आ चुके हैं.
मंदिर निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आपड़े ने बताया कि पीएम ने निरीक्षण के दौरान ग्रेनाइट पत्थरों के इस्तेमाल के बारे में पूछा था तो हमने उन्हें बताया कि ग्रेनाइट के होते हुए पानी की एक बूंद भी अवशोषित नहीं होगी. इसके चलते एक हजार साल तक मंदिर के गर्भगृह को कोई नुकसान नहीं होगा. इस पर पीएम ने कहा कि यदि एक हजार साल तक यह मंदिर टिकने वाला है तो यह सबसे उत्तम कार्य हुआ है.
जगदीश आपड़े ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री की कल्पना है, ‘मंदिर के गर्भगृह का स्ट्रक्चर ऐसा हो कि रामनवमी के दिन सूरज की किरणें सीधे रामलला पर पड़ें. यह दृश्य देखने मैं स्वयं आऊंगा. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप हम इसकी तैयारी कर रहे हैं। सीएसआई के माध्यम से हमने यांत्रिक और आर्किटेक्चर तौर पर इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है. यह हमारे लिए गौरव का विषय होगा.’ प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया है कि वे दो साल के अंदर फिर यहां आकर कार्यों का जायजा लेंगे. हालांकि, प्रदेश की योगी सरकार को प्रति माह हमारी ओर से निर्माण की प्रगति की रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है. वहीं मुख्यमंत्री भी के अवसरों पर यहां आकर निर्माण कार्य देखते हैं. उन्होंने प्रगति पर भी संतुष्टि जताई है.
मंदिर का प्रमुख प्रवेश द्वार ‘सिंह द्वार’ होगा.
2.77 एकड़ का मंदिर क्षेत्र में ग्रेनाइड पत्थरों का हो रहा इस्तेमाल.
राम मंदिर में 392 स्तम्भ होंगे.
कुल 12 द्वार का निर्माण होगा.
गर्भगृह में 160 पिलर होंगे, पहली मंजिल पर 132 पिलर होंगे.
मंदिर में सागौन की लकड़ी के द्वार होंगे.
मंदिर पर भूकंप का असर नहीं होगा.
मंदिर में सरिया का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं हो रहा, तांबे की पत्तियों से पत्थरों को जोड़ने का हो रहा कार्य.
मंदिर के परकोटे में 5 मंदिरों का निर्माण होगा, पंचदेव मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
सूर्य देव मंदिर, विष्णु देवता मंदिर बनाया जा रहा है.
प्रथम तल पर सबसे आगे प्रवेश द्वार पर सिंह द्वार का निर्माण,उसके आगे नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप का निर्माण होगा.