Burqa Controversy: बुर्के पर रोक लगाने वाले को कपड़ा उतारकर घुमाओ, सपा के पूर्व MLA जमीर उल्लाह के बिगड़े बोल

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने मुरादाबाद में बुर्का प्रतिबंध करने पर कहा कि यह सरासर गलत है. अगर लड़कियां कॉलेज में बुर्का पहनकर जाना चाहती हैं, तो जाएं. बुर्के पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए. जो बुर्के पर पाबंदी लगाए पहले उसको कपड़ा उतारकर घुमाया जाए.

By Prabhat Khabar News Desk | January 20, 2023 2:26 PM
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Aligarh: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Moradabad) जनपद में बुर्का विवाद का मामला सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है. यहां एक डिग्री कॉलेज में बुर्का में आईं छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला. इसके बाद समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने बुर्का (Burqa Controversy) पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि बुर्का पर पाबंदी लगाने वाले को बिना कपड़ों के घुमाए जाए, तब उसे पता चलेगा कि बेपर्दगी क्या होती है? बुर्के पर बात करने वाले लोग जाहिल हैं. इस तरीके की बात नहीं करनी चाहिए.

बुर्के पर नहीं होनी चाहिए पाबंदी

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक जमीर उल्लाह ने कॉलेज में बुर्का प्रतिबंध करने के सवाल पर कहा कि यह बिल्कुल गलत है. अगर लड़कियां कॉलेज में बुर्का पहनकर जाना चाहती हैं, तो जाएं. बुर्के पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए. जो बुर्के पर पाबंदी लगाए पहले उसको कपड़ा उतारकर घुमाया जाए.

आज का नहीं है बुर्का पहनकर जाने का कल्चर

जमीर उल्लाह ने कहा कि हिजाब हमारे हिंदुस्तान का कल्चर है. हिजाब हमारे यहां बहन बेटियों की आवाज है. बहन बेटी वाली आवाज आज भी सुनाई नहीं देती है. अगर बात करें गांव की तो गांव में आज भी बहू बेटियां लंबे लंबे घूंघट देखने को मिल जाएंगी. कॉलेज में बुर्का पहनकर जाने का कल्चर आज नहीं पैदा हुआ है.

सपा नेता ने कहा कि पूर्व से ही कॉलेज में बुर्का पहनकर जाने की प्रथा है. इससे पहले भी बहन बेटियां कॉलेजों में तालीम हासिल कर रही थी. यह कोई आज का कल्चर नहीं है. ड्रेस कोड कोई आज नया पैदा हुआ नहीं है. इससे पहले क्या ड्रेस कोड नहीं था? जो जैसे चाहे, वह पढ़े लिखे और आगे बढ़े. बुर्का पर प्रतिबंध लगाने का कोई मतलब नहीं है.

बुर्का में आईं छात्राओं को प्रवेश नहीं मिलने पर हुआ विवाद

दरअसल मुरादाबाद के हिंदू डिग्री कॉलेज में बुर्का में आईं छात्राओं को प्रवेश नहीं मिला. इसके बाद छात्राओं ने कॉलेज के गेट के बाहर इसका विरोध करना शुरू कर दिया. सूचना मिलने पर सपा छात्र सभा के पदाधिकारी आ गए और उन्होंने हंगामा किया. इस विरोध प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी छात्र सभा के कार्यकर्ता भी शामिल हो गए. वहीं कॉलेज की तरफ से कहा गया है कि ड्रेस कोड से ही कॉलेज में प्रवेश दिया जाएगा. प्राचार्य को ज्ञापन देकर छात्राओं को क्लासरूम तक बुर्के में जाने की अनुमति मांगी गई है.

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प्रबंधन ने ड्रेस कोड का दिया हवाला

हिंदू कॉलेज के प्रॉक्टर ए.पी.सिंह ने कहा कि कॉलेज प्रशासन में छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ड्रेस कोड लागू किया है. किसी भी धर्म की छात्रा को परेशान नहीं होने दिया जाएगा. ये ड्रेस कोड इसलिए लागू किया गया है कि सब एक समान लगे और किसी तरह का भेदभाव न दिखे. वहीं प्रिंसिपल सत्यव्रत सिंह रावत ने कहा कि कुछ अराजक तत्व हैं, ये लोग बेवजह मामले को इस तरह गलत रूप दे रहे हैं. हमारे यहां हर समुदाय के छात्र पढ़ते हैं.

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