Swami Prasad Maurya: रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर फंसे सपा नेता स्वामी प्रसाद, हजरतगंज में FIR दर्ज

Swami Prasad Maurya News: श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बुरी तरह से फंस चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2023 4:36 PM

Swami Prasad Maurya News: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित टिप्पणी करने के मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य बुरी तरह से फंस चुके हैं. स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ लखनऊ के ऐशबाग के शिवेंद्र मिश्रा ने हजरतगंज में एफआईआर दर्ज कराया है. स्वामी प्रसाद मौर्य पर हजरतगंज कोतवाली में आईपीसी की धारा 295 ए ,298, 504, 505(2),153A में दर्ज हुई है.

Swami prasad maurya: रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर फंसे सपा नेता स्वामी प्रसाद, हजरतगंज में fir दर्ज 2
क्या है पूरा मामला

दरअसल हाल ही में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए श्रीरामचरितमानस पर टिप्पणी करते हुए बैन करने की मांग की थी. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरितमानस में जो भी विवादित अंश है उसे निकाल देना चाहिए. उन्होंने तुलसीदास द्वारा लिखी श्रीरामचरितमानस की एक चौपाई- ‘ढोल-गंवार शूद्र पशु नारी, सकल ताड़ना के अधिकारी’ का जिक्र करते हुए कहा था कि इस तरह की पुस्तक को जब्त किया जाना चाहिए.

क्योंकि महिलाएं सभी वर्ग की हैं, और उनकी भावनाएं इससे आहत नहीं हो रहीं हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा था एक तरफ तो कहेंगे कि यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता, तो दूसरी तरफ तुलसी बाबा से गाली दिलवाकर कहेंगे कि इनको मारिए पीटिए. ऐसे में श्रीरामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए.

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बता दें कि यूपी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जहां उन्होंने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या और अखिलेश यादव पर निशाना साधा. केशव प्रसाद मौर्य ने कहा एक नए नवेले नेता(स्वामी प्रसाद मौर्य) जो कई घाटों का पानी पीकर सपा में गए हैं. वहां अखिलेश यादव के भोंपू बने हुए हैं. इन्होंने रामचरितमानस पर जो बयान दिया. उसके बाद अखिलेश यादव का इसपर चुप रहना यूपी के माहौल को खराब करने का एक प्रयास है.

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