हुगली/कोलकाता : उत्तर प्रदेश के आगरा से पश्चिम बंगाल के हुगली पहुंचने वाले दंपती लालजी यादव और उनकी धर्मपत्नी रेखा यादव हाल ही में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित हुए हैं. रेखा ठीक-ठाक रहीं, लेकिन लालजी को वहां के चिकित्सकों ने ऑक्सीजन देने को कहा. डॉक्टरों ने कह दिया कि बगैर ऑक्सीजन के लालजी को बचाना मुश्किल हो सकता है.
राय परिवार ने आगरा के सरकारी और गैर-सरकारी अस्पतालों को छान मारा, लेकिन ऑक्सीजन कहीं उपलब्ध नहीं था. तब रेखा ने अपने भाई, जो पश्चिम बंगाल के हुगली जिला के मोगरा थाना अंतर्गत गजघंटा इलाके का रहने वाला है, उससे संपर्क किया. अपनी स्थिति की विस्तार से जानकारी दी. वहां के डॉक्टरों ने जो कुछ कहा, उसके बारे में भी बता दिया.
रेखा के भाई ने अपनी दीदी और जीजा की जान बचाने के लिए तत्काल यहां के चिकित्सकों से परामर्श किया. चिकित्सकों ने उन्हें सलाह दी कि यहां के किसी भी कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करा दिया जाये, उनकी चिकित्सा बेहतर होगी. उन्होंने तत्काल अपनी दीदी और जीजा को एंबुलेंस से कोलकाता चले आने की सलाह दी.
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रेखा ने भी देर नहीं की. तत्काल 60 हजार रुपये में एंबुलेंस बुक किया और पति को लेकर हुगली चली आयी. रेखा के भाई ने उन्हें चुंचुड़ा के अजंता सेवा सदन अस्पताल में दाखिल करा दिया, जो फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19 अस्पताल में बदल दिया गया है. इलाज के बाद अब दोनों की हालत में सुधार है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने कम से कम 105 सरकारी अस्पतालों में चिकित्सीय गैस पाइपलाइन प्रणाली स्थापित की है, जिनसे करीब 12,500 कोविड-19 मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसी प्रकार की प्रणालियां 15 मई तक 41 अन्य सरकारी अस्पतालों में स्थापित की जायेंगी. राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि बंगाल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. नयी प्रणाली के बाद और 3 हजार कोरोना मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी.
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Posted By : Mithilesh Jha