Varanasi News: देश में एक बार फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों ने शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. इस समय यूपी में लगभग 700 एक्टिव केसेज पाए गए हैं, जिनमें वाराणसी के कुल 6 एक्टिव केस भी शामिल हैं. इसका साफ संकेत है कि देश में कोरोना की चौथी लहर का संकट दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में हुए एक सर्वे के मुताबिक, 76 फीसदी लोगों में कोविड के खिलाफ बनी एंटीबॉडी (Antibody) लगभग खत्म होने की कगार पर है. वहीं, इसमें से 30 फीसदी लोगों में सीरो पॉजिटिविटी रेट शून्य पर है. इसके अलावा 17 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी काफी कम और 7 फीसदी व्यक्तियों में मीडियम है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित जूलॉजी विभाग में कोविड मामलों के विशेषज्ञ प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे और उनकी टीम में शामिल युवा वैज्ञानिक रुद्र पांडेय, प्रज्जवल प्रताप सिंह समेत 15 रिसर्चरों ने सीरो सर्वे पूरे पूर्वांचल में कर रहे हैं. इसके लिए करीब 100 लोगों का सैंपल लिया गया है. इस टेस्ट सैंपल में 22 से लेकर 50 साल तक के उम्र के लोग शामिल हैं. इसमे 90 फीसदी ऐसे लोग शामिल है जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है.
इन सभी लोगों में टेस्ट के दौरान यह पाया गया कि वैक्सीन से मिली एक्वायर्ड इम्युनिटी (Acquired immunity) इन लोगों में काफी कम है. हैरानी इस बात की है कि इस सर्वे में 50 फीसदी से अधिक युवा हैं. यह सर्वे दिखाता है कि जिन लोगों में वैक्सीन लगवाई है वे भी संक्रमण की चपेट में हैं. वहीं जो लोग वैक्सीन की डबल डोज ले चुके हैं, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है.
हालांकि, वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर रिसर्च टीम के हेड प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि अगली लहर (Wave) में मौतों की दर काफी कम होने वाली है. ऐसे में गंभीरता बहुत अधिक नहीं होगी. क्योंकि, कोविड से संक्रमित हो चुके और वैक्सीन लगवाए लोग यदि चौथी लहर में संक्रमित होते हैं तो उनकी इम्युनिटी इसे आसानी से परास्त कर सकती है. इस सर्वे में देखा गया है कि जिन लोगों में एंटीबॉडी नहीं थी, वे करीब आज से छह महीने पहले ही फुल वैक्सीनेटेड हो चुके थे.
रिपोर्ट- विपिन सिंह