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सरकार कोरोना संक्रमित अपने ही विधायक का इलाज करा पाने में असमर्थ है?
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विधायक के बेटे ने सोशल मीडिया पर तीखे अंदाज में पोस्ट किया तो सरकार में खलबली मची
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उन्हें नोएडा के अस्पताल में भर्ती कराने का इंतजाम किया गया
बरेली : तो क्या सरकार कोरोना संक्रमित अपने ही विधायक का इलाज करा पाने में असमर्थ है? यही सवाल जब विधायक के बेटे ने सोशल मीडिया पर तीखे अंदाज में पोस्ट किया तो सरकार में खलबली मची और उन्हें नोएडा के अस्पताल में भर्ती कराने का इंतजाम किया गया.
मामला नवाबगंज से भाजपा विधायक केसर सिंह का है. 12 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उन्हें शहर के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. यहां दो दिन इलाज के बाद वह होम आइसोलेट हो गए लेकिन अगले ही ऑक्सीजन का स्तर गिर जाने के बाद उन्हें दोबारा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया.
बेटे विशाल के मुताबिक लगातार सेहत बिगड़ने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें हायर सेंटर ले जाने को कहा था. वह लगातार कोशिश करते रहे लेकिन कहीं से कोई उम्मीद की किरण नहीं दिखाई दी. तब उन्होंने फेसबुक पर ये पोस्ट डालकर अपनी हताशा जाहिर की-‘क्या यही है यूपी सरकार.. अपने ही कोरोना संक्रमित विधायक का नहीं करा पा रही इलाज, मैंने कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय फोन किया मगर क्या मजाल है जो फोन उठा लिया जाता.’
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कोरोना का कहरः पत्नी गुजर गई…अंतिम बार मुंह भी न देख सके विनोद, चार दिन पहले ही…फेसबुक पर पोस्ट करने के बाद रविवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संदेश मिला कि वे विधायक केसर सिंह को नोएडा के यथार्थ अस्पताल में भर्ती करा सकते हैं. इसके बाद विधायक का परिवार दोपहर के वक्त उन्हें लेकर आनन-फानन नोएडा रवाना हो गया. हां, विधायक पुत्र ने पार्टी की लाज रखी कि उन्होंने अपनी पोस्ट रास्ते से ही डिलीट कर दी.
विधायक केसर सिंह की हालत गंभीर होने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें प्लाज्मा थेरेपी की सलाह दी थी. मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा उपलब्ध न हो पाने पर खुद विधायक ने शनिवार को फेसबुक पोस्ट कर बी पॉजिटिव ग्रुप के महीना भर पहले संक्रमण से स्वस्थ हुए व्यक्ति से प्लाज्मा डोनेट करने की अपील की थी. यह संदेश तमाम व्हाट्सएप ग्रुप में भेजा गया. बेटे विशाल ने बताया कि रविवार को हल्द्वानी के एक व्यक्ति ने प्लाज्मा दान किया जिसके बाद उनके पिता की हालत में कुछ स्थिरता आई और तब वह उन्हें नोएडा ले गए.
Posted By : Amitabh Kumar