हिंदू नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपी सैयद असीम अली की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी
कमलेश तिवारी हत्याकांड के आरोपी सैयद आसिम अली की दूसरी जमानत अर्जी प्रयागराज जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है. यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश रामकिशोर शुक्ला ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जमानत अर्जी पर तर्क सुनने के बाद दिया.
Prayagraj News: लखनऊ के नाका हिंडोला में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की 2019 में हुई हत्या के आरोपी सैयद आसिम अली की दूसरी जमानत अर्जी प्रयागराज जिला न्यायालय ने खारिज कर दी है. यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश रामकिशोर शुक्ला ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जमानत अर्जी पर तर्क सुनने के बाद दिया. इससे पहले लखनऊ कोर्ट ने भी आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी.
कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद दिया फैसला
शासकीय अधिवक्ता डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरी ने जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि कमलेश तिवारी की हत्या जघन्य अपराध की श्रेणी में आती है. जबकि आरोपी के अधिवक्ता ने जमानत दलील पेश करते हुए कहा कि, आरोपी को साजिशन फंसाया गया है. आरोपी बेगुनाह है. हत्याकांड से उसका कोई लेना-देना नहीं है. कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद, अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी आसिम अली को जमानत देने से इनकार किया है. कोर्ट ने 18 अप्रैल को जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया था.
लखनऊ से बाहर सुनवाई की अपील
गौरतलब है कि मुकदमा वादी और कमलेश तिवारी की पत्नी किरन तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए मामले की सुनवाई लखनऊ के बाहर किसी अन्य कोर्ट में करने की अपील की थी. जिसके बाद कमलेश हत्याकांड का मुकदमा लखनऊ के बाहर प्रयागराज जिला अदालत ट्रांसफर कर दिया गया.
दिनदहाड़े हत्या से मच गया था हड़कंप
बता दें कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ के हिंडोला थाना अंतर्गत स्थित पार्टी कार्यालय के भीतर चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनदहाड़े घर के भीतर हिंदू नेता कमलेश तिवारी की हत्या से नाका हिंडोला क्षेत्र समेत पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया था.
रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी