शौचालय में पाया गया 5 फीट लंबा मगरमच्छ, ऐसे निकाला लोगों ने बाहर, देखें वीडियो
मगरमच्छ अगर नहर, नदी या तालाब में दिखे तो रोमांच पैदा करता है, पर अगर ये आपके सामने आ जाए तो सामने वाले की हालत खराब हो सकती है. उत्तर प्रदेश के मोहब्बतपुर में एक विचित्र घटना घटी है, जहां एक पांच फीट लंबा एक मगरमच्छ शौचालय में पाया गया एक विचित्र घटना में. इसके कारण लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया हाै. बुधवार की रात किसी वक्त तालाब से निकलकर मगरमच्छ मकान के अंदर बने शौचालय में घुस गया.
मगरमच्छ अगर नहर, नदी या तालाब में दिखे तो रोमांच पैदा करता है, पर अगर ये आपके सामने आ जाए तो सामने वाले की हालत खराब हो सकती है. उत्तर प्रदेश के मोहब्बतपुर में एक विचित्र घटना घटी है, जहां एक पांच फीट लंबा एक मगरमच्छ शौचालय में पाया गया एक विचित्र घटना में. इसके कारण लोगों में दहशत का माहौल पैदा हो गया हाै. बुधवार की रात किसी वक्त तालाब से निकलकर मगरमच्छ मकान के अंदर बने शौचालय में घुस गया.
Firozabad: A crocodile was found inside a toilet of a house in Mohabbatpur village, resulting in chaos. The reptile was later rescued by an NGO and released into the river. pic.twitter.com/yv2vxRDyL5
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 31, 2020
गुरुवार की सुबह परिवार के मुखिया ने शौचालय का दरवाजा खोला तो वहां मगरमच्छ देखकर उनके होश उड़ गए. घर के सदस्यों का जब पता चला तो उनके होश उड़ गए. इसके बाद लोगों ने वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम को सूचना दी. आगरा से 4 सदस्यीय एसओएस की टीम ने फ़िरोज़ाबाद जाकर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया. वाइल्ड लाइफ एसओएस ने कड़ी मशक़्क़त के बाद रेस्क्यू कर मगरमच्छ को वापस यमुना नदी में छोड़ा.
#Watch Firozabad: A crocodile was found inside a toilet of a house in Mohabbatpur village. The reptile was later rescued by an NGO and released into the river. pic.twitter.com/rFdg4m4c52
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 31, 2020
ग्रामीणों का मानना था कि मगरमच्छ शायद गाँव के तालाब से बाहर भटक गया था और उसे शौचालय में आश्रय मिला था. स्थानीय लोगों के घर के पास इकट्ठा होने के तुरंत बाद, उन्होंने बाथरूम की बैरिकेडिंग की और स्थानीय पुलिस को सूचित किया जिससे वन विभाग सतर्क हो गया.
वैसे मगरमच्छ को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. इसके लिए वन विभाग ने बचाव अभियान में अपनी टीमों को सेवा में लगा दिया. टीम ने पीमगरमच्छ को बाहर निकालने के लिए बाथरूम के दरवाजे पर भोजन के साथ एक जाल पिंजरे में रखा। कुछ ही मिनटों में, मगरमच्छ जाल पिंजरे के अंदर था और इसे बाद में नटेश्वर घाट, बटेश्वर में यमुना में छोड़ा गया.
वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी ने कहा कि हमारी टीम को मगरमच्छ बाहर निकालने के दौरान अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी. चूंकि शौचालय छोटा था और टीम के पास मगरमच्छ की आरामदायक हैंडलिंग के लिए सीमित दायरा था. इसलिए यह रेस्क्यू ऑपरेशन आसान नहीं था.
जून में भी घटी थी एसी ही
इसी तरह की एक घटना जून में सामने आई थी जब शिकोहाबाद के एक गाँव से पास के इलाके में सात फुट लंबे मगरमच्छ को बचाया गया था। मगरमच्छ भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी हैं और ये आमतौर पर मीठे पानी के वातावरण जैसे नदियों, झीलों, नदियों, गाँवों के तालाबों और मानव निर्मित जलाशयों में पाए जाते हैं।