UP Administration News: उत्तर प्रदेश सचिवालय में हर काम को ऑनलाइन करने की कवायद चल रही है. अब राज्य का एक बड़ा हिस्सा ई-ऑफिस पर चल रहा है. फिर भी कुछ विभाग फाइल का उपयोग कर रहे हैं. इसे लेकर संबंधित विभागों को हिदायत दी गई है.
राज्य सरकार सचिवालय का सारा काम ऑनलाइन करना चाहती है. इसके लिए उत्तर प्रदेश सचिवालय ने साल 2017 में अपने कामकाज के लिए आधिकारिक तौर पर ई-ऑफिस लांच किया था. इसने 8 अगस्त, 2020 और 1 सितंबर, 2020 को ई-ऑफिस पर सभी विभागों को अपने काम ऑनलाइन करने के निर्देश दिये थे. 13 अक्टूबर, 2020 को तत्काल प्रभाव से ई-ऑफिस पर ही सभी विभागों को कार्य करने के आदेश जारी किए गए थे. सचिवालय कार्य का एक बड़ा हिस्सा ई-ऑफिस पर ही किया जा रहा है. मगर कुछ विभाग खुद को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं.
इसलिए मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने आदेश जारी कर विभागों को फिजिकल फाइल पेश करने के लिए कारण बताने के लिए कहा है. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि ऐसा न करने पर संबंधित विभागों को वापस कर दिया जाएगा. संबंधित अधिकारियों को ही देरी के लिए जिम्मेदार माना जाएगा. उन्होंने आदेश में कहा है, ‘यह देखा गया है कि कुछ विभाग (ई-ऑफिस के बारे में) आदेशों का प्रभावी ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं. वे भौतिक फाइलों पर अपना काम करते हैं. इसलिए आपसे अनुरोध है कि यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत ध्यान दें कि सभी काम ई-ऑफिस पर हों.’ इस आदेश के बाद हर विभाग ने ई-ऑफिस पर ही काम करने के लिए तैयारी तेज कर दी है.
आदेश में आगे कहा गया है कि वित्तीय मंजूरी, पूछताछ और अदालती मामलों आदि से संबंधित मामलों में कभी-कभी बड़े फिजिकल पेपर्स की आवश्यकता होती है. मुख्य सचिव ने बताया है कि किसी भी फिजिकल फाइल को प्रस्तुत करने के लिए विशिष्ट कारण नोट किया जाना चाहिए. यदि किसी मामले में भौतिक फाइल पेश करने की आवश्यकता है, तो ऐसा करने के लिए विशेष नोट लगाकर कारण को स्पष्ट करना होगा. अन्यथा ऐसी फाइलों को वापस कर दिया जाएगा.