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CSJMU कानपुर के कुलपति विनय पाठक कभी भी हो सकते हैं गिरफ्तार, हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज

2022 में अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला था. डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2022 7:25 PM

Kanpur: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. कमीशनखोरी के आरोप में प्रो. विनय कुमार पाठक को गिरफ्तारी करने और एफआईआर दर्ज होने के मामले में हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है. HC की लखनऊ बेंच ने विनय पाठक की याचिका को खारिज कर दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस विवेक कुमार सिंह ने की थी.

डिजिटेक्स कंपनी ने करायी है एफआईआर

लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में डिजिटेक्स कंपनी के एमडी की तहरीर दिए जाने के बाद कुलपति व कई अन्य पर नामजद FIR दर्ज हुई थी. अपनी गिरफ्तारी से राहत पाने के मकसद से कुलपति विनय कुमार पाठक ने हाईकोर्ट में 3 नवंबर को याचिका फाइल किया था. विनय कुमार पाठक के वकील एलपी मिश्र ने 4 नवंबर को अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट से समय मांगा था.

अजय मिश्र और अजय जैन हो चुके हैं गिरफ्तार 

9 नवंबर को विनय कुमार पाठक की तरफ से वकील ने अपना पक्ष रखा था. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार तक फैसला सुरक्षित कर लिया था. याचिका खारिज होने के बाद अब एसटीएफ प्रो. विनय पाठक को किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है. इस मामले में एसटीएफ ने अभी तक दो आरोपियों अजय मिश्रा, अजय जैन को गिरफ्तार किया है.

यह है मामला

लखनऊ के इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाने वाले डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी डेविड एम. डेनिस ने आरोप लगाया कि उनकी कंपनी 2014 से एग्रीमेंट के तहत आगरा विश्वविद्यालय में प्री और पोस्ट एग्जाम का काम करती रही है. विश्वविद्यालय के एग्जाम पेपर छापना, कॉपी को एग्जाम सेंटर से यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने का पूरा काम इसी कंपनी के द्वारा किया जाता रहा है.

बिल भुगतान के लिये प्रो‍. पाठक ने मांगा था कमीशन

साल 2019 में एग्रीमेंट खत्म हुआ तो डिजिटेक्स टेक्नोलॉजीज ने यूपीएलसी के जरिए आगरा विश्वविद्यालय का काम किया. इस बीच साल 2020 से 2022 तक कंपनी के द्वारा किए गए काम का करोड़ों रुपया बिल बकाया हो गया था. तभी जनवरी 2022 में अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति का चार्ज प्रो. विनय पाठक को मिला तो उन्होंने बिल पास करने के एवज में कमीशन की मांग की थी

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