Kanpur News: प्रो. विनय पाठक के एक और फैसले पर उठे सवाल, अपनों को नौकरी देने के लिए बनाया PMU सेल
इस सेल में ऐजेंसी के जरिये लोगो को रखा जाता है.इस सेल के माध्यम से जो लोग भर्ती हुए हैं, वो प्रो. विनय कुमार पाठक के साथ पहले भी अन्य विश्वविद्यालय में कार्य कर चुके हैं और मानक से अधिक वेतन भी के रहे हैं. फिलहाल विनय कुमार पाठक की जांच एसटीएफ कर रही है.
Kanpur News: कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी से लेकर गैरशैक्षणिक कर्मियों की भर्ती को लेकर अब सवाल उठना शुरू हो गए है. सीएसजेएमयू के स्थायी कर्मियों ने आरोप लगाया है कि अपने चहेतों की भर्ती करने के लिए कुलपति विनय कुमार पाठक ने पीएमयू सेल का गठन किया था.
इस सेल में ऐजेंसी के जरिये लोगों को रखा जाता है.इस सेल के माध्यम से जो लोग भर्ती हुए हैं, वो प्रो. विनय कुमार पाठक के साथ पहले भी अन्य विश्वविद्यालय में कार्य कर चुके हैं और मानक से अधिक वेतन भी के रहे हैं. फिलहाल विनय कुमार पाठक की जांच एसटीएफ कर रही है.
इसलिए बनाई गई पीएमयू सेल
आगरा विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के आरोप में विनय कुमार पाठक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी, जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है. वहीं उनके फैसलों पर कानपुर में भी लगातार सवाल उठने के साथ हीआरोप लगते रहे हैं.
विनय कुमार पाठक के कानपुर आते ही विशेष सेल का गठन किया था जिसका नाम पीएमयू रखा. इस सेल को छात्रों की अंकतालिका व अंतिम परीक्षा परिणाम से संबंधित काम सौंपा गया. अंकतालिका में अंक गलत चढ़ना आदि समस्याओं को लेकर छात्र-छात्राएं पीएमयू सेल के चक्कर काट रहे हैं. इससे पहले अंकतालिकाओं से संबंधित काम विवि के कर्मचारी करते थे.
फंड मैनेजर ने कबूले अहम राज
प्रो. विनय पाठक पर कमीशन के आरोपों की जांच के दौरान गिरफ्तार अजय जैन ने कई राज कबूले. एसटीएफ का दावा है कि अजय मिश्रा के जरिए अजय जैन ही कमीशन का पैसा मैनेज करता था. अजय जैन ने अपनी कम्पनी के जरिये 40 से अधिक ई-वे बिल अकेले इस विश्वविद्यालय में लगाये.
यह सब कुछ अजय जैन से गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया है. कमीशन को मैनेज करने के आरोप में रविवार को गिरफ्तार अजय जैन से छह घंटे तक लगातार पूछताछ की गई. फिर उसे इंदिरा नगर थाने के पुलिसकर्मियों के साथ कोर्ट भेजा गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.