Agra News: थाना एत्मादुद्दौला के कालिंदी विहार स्थित नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराए गए व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी उसे एत्माद्दौला क्षेत्र के एक अस्पताल में भर्ती कर भाग गए. परिजनों को जब सूचना मिली तो वह अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने हंगामा काटा. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को आश्वासन देकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
जब सुबह नशा मुक्ति केंद्र पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परिजन वहां पहुंच गए, और उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र पर जमकर हंगामा काटा. परिजन नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारियों पर उनके व्यक्ति को मारने का आरोप लगा रहे हैं. फिलहाल, पुलिस मौके पर मौजूद है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सादाबाद के कश्यप नगर निवासी मुकेश पुत्र स्वर्गीय साहूकार उम्र 45 वर्ष को नशे की लत लग गई थी, जिसकी वजह से परिवार बहुत परेशान रहता था. मुकेश की नशे की लत को छुड़ाने के लिए मुकेश के भांजे सूरज ने गूगल पर नशा मुक्ति केंद्र के बारे में सर्च किया. जिसमें आगरा के कालिंदी बिहार में स्थित नशा मुक्ति केंद्र का नंबर मिला.
सूरज ने उस नंबर पर कॉल लगाया इसके बाद बुधवार करीब शाम 5 बजे एक i10 गाड़ी जिसमें 4 लोग बैठे हुए थे सूरज के घर पहुंचे. उन्होंने सूरज से 3500 रुपए नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर और हजार रुपए ड्राइवर के नाम पर ले लिए और मुकेश को अपने साथ ले जाने लगे. जब सूरज ने बोला कि हम भी चलेंगे तो उन्होंने मना कर दिया कि आप लोग 2 दिन बाद आना उससे पहले कोई भी परिजन हमारे साथ नहीं जाएगा और जब आप आओ तो कपड़े लेकर आना. उसके बाद वे चारों लोग चले गए.
सूरज ने बताया कि गुरुवार को सुबह 9 बजे हमने अपने मामा से बात करने के लिए नशा मुक्ति केंद्र में संपर्क किया, लेकिन उन्होंने बात कराने से मना कर दिया, और व्हाट्सएप पर एक वीडियो भेजा जिसमें कई सारे लोग लाइन में बैठे हुए हैं और योग कर रहे हैं. वीडियो साफ ना आने पर उन्होंने फिर से बात कराने को कहा तो नशा मुक्ति केंद्र की तरफ से फोटो भेजा गया.
सूरज ने बताया कि गुरुवार शाम करीब 4 बजे उनके पास फोन आया कि आपके मामा थाना एत्माद्दौला क्षेत्र के सैयद चौराहे पर स्थित कबीर देव हॉस्पिटल में भर्ती हैं. आप आकर उन्हें देख लीजिए और जब परिजन यहां पर पहुंचे तो मुकेश उन्हें मृत अवस्था में मिला.
सूरज ने बताया कि फोन पर हमें यह नहीं बताया गया था कि हमारे मामा की मौत हो गई है, जब हम लोग अस्पताल पहुंचे तो वहां पर मामा अकेले थे, और कोई अस्पताल स्टाफ भी नहीं था. वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल वालों ने ही नशा मुक्ति केंद्र की तरफ से आये चार लोगों को यहां से भगा दिया. यह लोग भी उनके साथ मिले हुए हैं. वही लोग अस्पताल में उनके मामा को भर्ती करके गए थे.
सूरज ने बताया कि उनके मामा के शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं. पीठ पर तमाम नील पड़े हैं. ऐसा लग रहा है कि उन्हें बुरी तरह से पीटा गया है. साथ ही उनके दोनों पैरों पर छेद हो रहे हैं ऐसा जान पड़ता है कि करंट जैसी कोई चीज उनके पैरों में डाली गई है. सूरज का कहना है कि ऐसा कौन सा नशा मुक्ति केंद्र होता है जो लोगों का नशा खत्म करने के लिए इस तरह की हैवानियत करता है. इस मामले में एसएसपी आगरा को कॉल किया गया तो उनके पीआरओ ने फोन उठाकर बताया कि वह डिप्टी सीएम के कार्यक्रम में व्यस्त हैं. इसीलिए कुछ समय बाद बात हो पाएगी.
रिपोर्ट- राघवेंद्र गहलोत