13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बरेली में पराली जलाने वाले पांच किसानों को दिल्ली के सैटेलाइट इमेज ने पकड़ा, कृषि विभाग ने लगाया जुर्माना

दीपावली की आतिशबाजी के बाद पराली जलाने से हवा जहरीली होने लगी. इसलिए NGT सेटेलाइट से पराली जलाने वाले किसानों पर निगाह रख रहा है. बुधबार को दिल्ली के सेटेलाइट इमेज ने 5 किसानों को खेतों में पराली जलाने पर पकड़ लिया है. इनके खिलाफ कार्रवाई कर 25-2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

Bareilly News: दीपावली के बाद धान की फसल कटाई शुरू हो गई है. किसान धान की कटाई के बाद पराली खेतों में जलाने लगे हैं. इससे प्रदूषण बढ़ने लगा है. दीपावली की आतिशबाजी के बाद पराली जलाने से हवा जहरीली होने लगी. इसलिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) सेटेलाइट से पराली जलाने वाले किसानों पर निगाह रख रहा है. बुधबार को दिल्ली के सेटेलाइट इमेज ने 5 किसानों को खेतों में पराली जलाने पर पकड़ लिया है. इनके खिलाफ कार्रवाई कर 25-2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

जीवाश्म पदार्थ की भी बढ़ोतरी होगी

उप कृषि निदेशक दीदार सिंह ने बताया अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक धान की कटाई के दौरान किसान खेतों में पराली जलाते हैं. इससे प्रदूषण बढ़ने के साथ ही धुएं चादर बनने लगती है. एनजीटी सेटेलाइट से पराली जलाने वाले किसानों पर निगाह रखता है. बुधवार को भारतीय किसान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के रेजीडियो बर्निंग बुलेटिन संख्या 40 के सैटेलाइट इमेज से बहेड़ी थाना क्षेत्र के गोटा सिंगोथी मनुआ पट्टी और आमखेड़ा, तहसील मीरगंज के बिथम नौगवां, चकदहा भगवतीपुर में पराली जलाने की सूचना प्राप्त हुई थी. इसकी राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जांच की. इसमें सिगोंथी निवासी खुर्शीद अली खां के 0.504 हेक्टेयर, मनुआ पट्टी गांव निवासी बलविंदर सिंह के 1.50 हेक्टेयर क्षेत्रफल, आमखेड़ा निवासी दर्शन सिंह के 0.373 हेक्टेयर क्षेत्रफल में, चकदहा भगवतीपुर निवासी इस्लाम के 0.358 क्षेत्रफल में और नौगवा निवासी मोहम्मद जुबेर के 0.464 क्षेत्रफल खेत में पराली को जलाया गया था. इन सभी 5 किसानों पर 25-2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उप कृषि निदेशक ने पराली न जलाने के साथ ही खेत में ही वेस्ट डी कंपोजर का उपयोग कर कार्बनिक खाद बनाने की बात कही है. इससे भूमि एवं पर्यावरण में सुधार होगा.फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होगी. फसल अवशेष न जलाने से जैविक पदार्थ खेती मिलेगी. इसके साथ ही खेतों में जीवाश्म पदार्थ की भी बढ़ोतरी होगी.

पराली जलाने से खेत की घटती है उर्वरा शक्ति

पराली जलाने से भूमि की उर्वरा शक्ति घटती है. भूमि में पाए जाने वाले कई मित्र कीट मर जाते हैं. वायु में सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड व अन्य कण मिलकर बीमारियां फैलाते हैं. कार्बन मोनो आक्साइड की मात्रा बढ़ने से सड़क पर धुआं फैलता है, जिससे हादसे होने का डर बढ़ता है.

यह है जुर्माने का प्रावधान

दोषी पाए जाने पर संबंधित किसान की ढाई हेक्टेयर जमीन पर 2500 रुपये, पांच हेक्टेयर पर पांच रुपये और इससे अधिक रकबे पर 15 हजार रुपये के जुर्माने का प्राविधान है. तहसील स्तर पर टीमें गठित हो चुकी है. पराली जलाने पर कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें