Gyanvapi: कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच कराने की मांग, कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से मांगी आपत्ति
सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है.
Gyanvapi Dispute: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद मामले में जिला जज वाराणसी ए.के विश्वेश की अदालत में गुरुवार को सुनवाई की गई. दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्याधीश ने सुनवाई की अगली तारीख 29 सितंबर निर्धारित की है. इस मामले में दरअसल अब यह याचिका दाखिल की गई है कि सर्वे के समय मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच कराई जाए ताकि पता चल सके कि यह कितने बरस पुराना है.
Court issued a notice over our application for carbon dating & demanded objections from Muslim side; disposal on Sept 29. Court rejected the 8 weeks time (sought by mosque committee to prepare for next hearing): Vishnu S Jain, representing the Hindu side in Gyanvapi mosque case pic.twitter.com/GRsvHiETrV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 22, 2022
हिंदु पक्ष के अधिवक्ता ने बताया…
ज्ञानवापी मामले में वाराणसी की जिला कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई की गई. इस याचिका में सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की गई है. इस मामले की जानकारी देते हुए ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु एस जैन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘कोर्ट ने कार्बन डेटिंग के लिए हमारे आवेदन पर नोटिस जारी किया और मुस्लिम पक्ष से आपत्ति की मांग की है. 29 सितंबर को इस मामले पर दोबारा सुनवाई होगी.’ उन्होंने यह भी बताया कि कोर्ट ने मस्जिद समिति द्वारा मांगे गए 8 सप्ताह के समय को खारिज कर दिया है.
इससे पहले हो चुकी है सुनवाई
हिंदू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति दिए जाने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला कोर्ट को यह तय करना था कि मामला सुनने योग्य है या नहीं. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में पोषणीय नहीं होने की दलील देते हुए इस केस को खारिज करने की मांग की थी. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की दलील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा है कि सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत इस मामले में सुनवाई हो सकती है.
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कार्बन डेटिंग कराने का अनुरोध
वादिनी लक्ष्मी देवी, सीता शाहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक की तरफ से अधिवक्ता विष्णु जैन ने दावे वाले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग व एएसआई से सर्वे कराने की अर्जी दी. कहा कि कार्बन डेटिंग से यह स्पष्ट हो जाएगा कि वह शिवलिंग है या फौव्वारा. यह भी पता चल सकेगा कि वह कितना पुराना है. अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मेराजुद्दीन सिद्दीकी व रईस अहमद ने अर्जी का विरोध किया. अदालत ने इंतजामिया कमेटी को आपत्ति दाखिल करने और इस पर सुनवाई के लिए 29 सितंबर की तिथि नियत की है.