इस्लाम में जन्मदिन को लेकर देवबंद के उलेमा और बरेलवी मौलाना आमने-सामने, जानें क्या है मामला
मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस्लाम में जन्मदिन मनाने को जायज बताया है. उनका कहना है शरई दायरे में रहकर मुसलमान अपना जन्मदिन मना सकते हैं. शरीयत में इसकी इजाजत दी गई है.
Bareilly News : इस्लाम में जन्मदिन मनाना जायज है या नाजायज, इसको लेकर देवबंद उलेमा और एक बरेलवी मौलाना आमने-सामने आ गए हैं. देवबंद के उलेमा का कहना है कि इस्लाम में जन्मदिन मनाना जायज नहीं है, जबकि बरेलवी मौलाना का कहना है कि इस्लाम में जन्मदिन मनाना जायज है. मगर, शरई दायरे में हो.
देवबंद के उलमा मदनी ने गुरुवार को देवबंद के एक मदरसे में आयोजित कार्यक्रम में इस्लाम में जन्मदिन मनाने को नाजायज करार दिया था. इसके बाद अब मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इस्लाम में जन्मदिन मनाने को जायज बताया है. उनका कहना है शरई दायरे में रहकर मुसलमान अपना जन्मदिन मना सकते हैं. शरीयत में इसकी इजाजत दी गई है.
उन्होंने कुरान शरीफ की सूरे मरियम के हवाले से कहा कि पैगंबर मुहम्मद साहब, हजरत मूसा हजरत ईसा, हजरत याहियाह, हजरत जकारिया आदि पैगंबर और नबियों ने भी अपने जन्मदिन मनाएं हैं. इसी तरह दुनियाभर के मुसलमान इस्लामी कैलेंडर के महीने रबी उल अव्वल की 12 तारीख को पैगंबर ए इस्लाम का जन्मदिन बड़ी धूमधाम के साथ मनाते हैं. भारत के साथ ही दुनिया भर में सरकारी छुट्टी रहती है. इसलिए यह कहना कि इस्लाम में जन्मदिन मनाना जायज नहीं. यह इस्लामी तारीख के खिलाफ है.
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गरीबों को खिलाएं खाना
मौलाना ने कहा कि जन्मदिन मनाने में मुसलमानों को क्रिश्चियन यानी यूरोपियन कल्चर अपनाना नहीं चाहिए. जन्मदिन मनाने का सही तरीका यह है कि गरीबों और यतीमों को खाना खिलायें. खाने की चीज पर फातिहा और लंबी उम्र की दुआएं की जाए. इन चीजों को बच्चों में बांट देना चाहिए. उन्होंने जन्मदिन पर केक काटना गलत बताया.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली