UP News: गबन के मामले में वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर गिरफ्तार, सरकार को लगाई थी ढाई करोड़ की चपत

मुन्नी लाल के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लंबे समय से रुकी हुई थी. शासन से मंजूरी मिलते ही ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की. इस केस के कारण ही उनका प्रमोशन रुका हुआ था. ईओडब्ल्यू के मुताबिक वर्ष 2005-06 में मुन्नी लाल बिजनौर में व्यापार कर चेक पोस्ट भागूवाला में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे.

By Prabhat Khabar News Desk | November 24, 2022 12:46 PM

Lucknow News: योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में एक और बड़ी कार्रवाई की है. राजधानी में वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर को गबन के मामले में गिरफ्तार किया गया है. वर्ष 2005 में बिजनौर में यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर हुए 2.43 करोड़ रुपये के गबन में ईओडब्ल्यू ने वाणिज्य कर के डिप्टी कमिश्नर मुन्नी लाल को बुधवार रात उनके आवास से गिरफ्तार किया.

मुन्नी लाल के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लंबे समय से रुकी हुई थी. शासन से मंजूरी मिलते ही ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की. इस केस के कारण ही उनका प्रमोशन रुका हुआ था. ईओडब्ल्यू के मुताबिक वर्ष 2005-06 में मुन्नी लाल बिजनौर में व्यापार कर चेक पोस्ट भागूवाला में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे.

उस दौरान पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, बिहार, झारखंड से आने वाला लौह अयस्क चेक पोस्ट नौबतपुर से बहती यानी क्लियरेंस का कागज लेकर भागूवाला चेक पोस्ट के रास्ते उत्तरांचल जाता था. प्रति गाड़ी चार प्रतिशत का टैक्स लगता था, जिसमें से आधा हिस्सा उत्तराखंड को और आधा यूपी को मिलता था. मुन्नी लाल ने अन्य लोगों से मिलीभगत कर करीब एक हजार गाड़ियों की फर्जी बहती बनाई और इनमें लदा माल यूपी में उतरवा लिया.

बहती की धनराशि नहीं मिलने से यूपी सरकार को दो करोड़ 43 लाख 93 हजार 437 रुपये की चपत लगी. मुन्नी लाल वर्तमान में लखनऊ स्थित वाणिज्य कर मुख्यालय में हाई कोर्ट का काम देख रहे थे. मामले में मुन्नीलाल के अलावा 13 और आरोपित हैं.

इस मामले में डीजीपी ईओडब्ल्यू आरके विश्वकर्मा ने एसपी हबीबुलहसन के नेतृत्व में टीम गठित कर मुन्नी लाल को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. इनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति लंबे समय से रुकी हुई थी. शासन से मंजूरी मिलते ही ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई की.

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