Dev Deepawali 2022: काशी की देव दीपावली पर चंद्रग्रहण, संत-महात्माओं ने कुछ यूं निकाला आयोजन का रास्ता
केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीशदत्त मिश्र, गंगा सेवा निधि के न्यासी श्यामलाल सिंह व सचिव हनुमान यादव, गंगोत्री सेवा समिति के दिनेश दुबे, जय मां गंगा सेवा समिति (अस्सी) के श्रवण कुमार मिश्र, टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
Varanasi News: काशी की ख्यातलब्ध देव दीपावली इस साल एक दिन पहले मनाई जाएगी. चंद्र ग्रहण के कारण ऐसा करना पड़ रहा है. काशी विद्वत परिषद के विद्वानों, ज्योतिषाचार्यों व संत-महात्माओं के बीच विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा आठ नवंबर को है लेकिन देव दीपावली सात नवंबर को मनाई जाएगी.
चंद्रग्रहण का सूतक काल सुबह 8:10 बजे से
यह जानकारी केंद्रीय देव दीपावली महासमिति के अध्यक्ष आचार्य वागीशदत्त मिश्र, गंगा सेवा निधि के न्यासी श्यामलाल सिंह व सचिव हनुमान यादव, गंगोत्री सेवा समिति के दिनेश दुबे, जय मां गंगा सेवा समिति (अस्सी) के श्रवण कुमार मिश्र, टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आठ नवंबर को लगने वाले चंद्रग्रहण का सूतक काल सुबह 8:10 बजे शुरू होगा और शाम 06:20 बजे मोक्ष होगा.
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पर्व मनाने की सहमति दी
इस समय के बाद देव दीपावली मनाई जा सकती है लेकिन ग्रहण काल में गंगा तट पर लाखों श्रद्धालु स्नान व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए जुटते हैं. वहीं, देव दीपावली के अनुपम दृश्य को देखने के लिए देसी-विदेशी पर्याटकों सहित लाखों की भीड़ होती है. चंद्र ग्रहण और देव दीपावली की भीड़ को संभाल पाना असंभव होगा. इस स्थिति से बचने के लिए विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने एक पखवारे से अधिक समय तक विषय विशेषज्ञों से संपर्क किया. इस दौरान विद्वतजन ने धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु सहित अन्य धर्म ग्रंथों के आधार पर सात नवंबर को देवदीपावली का पर्व मनाने की सहमति दी है.