Dev Dipawali 2020: अयोध्या की तरह देव दीपावली के दिन 25 लाख दीयों से जगमगाएंगे काशी के घाट, जानें क्या है सरकार की तैयारी…
Dev Dipawali 2020: सरकार अब बनारस के घाटों पर भी अयोध्या की तरह प्रकाश उत्सव आयोजित करने की तैयारी में है. 29 नवंबर की शाम को बनारस के घाटों पर अयोध्या की छाप दिखाई देगी. क्योंकि इस दिन देव दिवाली मनाई जाएगी. देव दिवाली के दिन काशी के घाट पर 25 लाख दिये जलाए जाएंगे.
Dev Dipawali 2020: सरकार अब बनारस के घाटों पर भी अयोध्या की तरह प्रकाश उत्सव आयोजित करने की तैयारी में है. 29 नवंबर की शाम को बनारस के घाटों पर अयोध्या की छाप दिखाई देगी. क्योंकि इस दिन देव दिवाली मनाई जाएगी. देव दिवाली के दिन काशी के घाट पर 25 लाख दिये जलाए जाएंगे. जिस तरीके से अयोध्या में दिवाली के 1 दिन पहले इस साल भव्यता से दिवाली मनाई गई, कुछ उसी अंदाज में 29 नवंबर को वाराणसी में देव दिवाली मनाई जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई थी इच्छा
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की दिवाली देखने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सफल आयोजन की बधाई दी थी और ऐसी ही भव्यता से बनारस के घाटों पर देव दिवाली आयोजित करने की इच्छा भी जताई थी. इसके बाद सूचना विभाग बनारस में भव्य देव दिवाली की तैयारी शुरू कर दिया है. अब बनारस के लोगों को गंगा किनारे अयोध्या जैसी दिवाली 29 नवंबर की शाम को दिखाई देगी.
लेजर शो होगा खास आकर्षण
काशी के घाटों पर इस बार का लेजर शो लोगों का आकर्षण का केंद्र बन सकता है. जिस तरीके से अयोध्या के लेजर शो ने दुनिया को उसकी दिवाली की भव्यता से रूबरू कराया, कुछ वैसी ही कोशिश इस बार बनारस के घाटों पर भी की जाएगी.
Also Read: Kartik Purnima 2020: कब है देवों की दिवाली कार्तिक पूर्णिमा, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा और इसका महत्व
प्रधानमंत्री हो सकते हैं शामिल
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद देव दिवाली के कार्यक्रम में शामिल हो सकते है. हालांकि, बनारस के घाटों पर देव दिवाली पहले से ही हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है और दुनिया भर से लोग इसे देखने आते हैं. वहीं, इस बार यह आयोजन और भी खास हो सकता है क्योंकि खुद प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि अयोध्या की तर्ज पर बनारस की देव दिवाली भी दिव्य और भव्य दिखाई दे.
इधर राम मंदिर, उधर विश्वनाथ कॉरिडोर
इस बार अयोध्या के भव्य आयोजन के पीछे राम मंदिर निर्माण की शुरुआत भी एक बड़ी वजह है. वहीं, कुछ इसी तरह अगले साल वाराणसी का बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर भी लोगों के लिए खुल जाएगा. अयोध्या में मंदिर निर्माण के पहले जिस तरह भव्य दिवाली मनाई गई, उसी तरह वाराणसी में बाबा विश्वनाथ कॉरिडोर खुलने से पहले सरकार वहां की देव दिवाली को भी बड़ा स्वरूप देना चाहती है.
जगमगाएंगे 20-25 लाख दीये
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर अविनाश मिश्रा के अनुसार इस बार देव दीपावली में लगभग 20-25 लाख दीयों से काशी के घाट सजाए जाएंगे. इस वर्ष पिछले वर्षों से बेहतर और अच्छी देव दीपावली मनाई जाएगी और एक बड़ा प्रकाशोत्सव आयोजित की जाएगी. देव दीपावली के दिन बड़ा सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा. वहीं, गंगा आरती में भी ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जिससे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें और दूरी को मेंटेन करें.
Also Read: Chandra Grahan 2020: कार्तिक पूर्णिमा के दिन लगेगा इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सूतक काल का सही समय और कैसा रहेगा इसका प्रभाव…
देव दिवाली का धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व
मान्यता है कि देव दिवाली के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर आते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था. त्रिपुरासुर के वध के बाद सभी देवी-देवताओं ने मिलकर खुशी मनाई थी. काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस दिन दीपदान करने का विशेष महत्व होता है. माना जाता है भगवान शंकर ने खुद देवताओं के साथ गंगा के घाट पर दिवाली मनाई थी, इसीलिए देव दिवाली का धार्मिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बढ़ जाता है.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha