वाराणसी के ‘ओम नमः शिवाय’ बैंक में आस्था की ‘पूंजी’ जमा कर मिन्नतों की ‘मेच्योरिटी’ पाते हैं भक्त
हिसाब-किताब भी रखा जाता है. यहां लोन भी दिया जाता है लेकिन अंतर सिर्फ इतना है की इसमें लेनदेन रुपये का नहीं बल्कि 'ओम नमः शिवाय' का किया जाता है. इस बैंक में हर प्रकार की मन्नत पूरा होने का फार्म भरवाया जाता है. यहां जो कोई भी आता है, शिवलेखन जप पुस्तिका भरकर जमा करता है.
Varanasi News: काशी में गंगा दशहरा का पर्व मनाया गया. आज ही के समान पावन अवसर वर्ष 2002 में ‘ओम नमः शिवाय’ बैंक की स्थापना हुई थी. जहां पैसा नहीं आस्था जमा होता है. आपने बैंक तो बहुत देखे होंगे और यहां लेनदेन भी किये होंगे. वाराणसी में ऐसा ही एक बैंक है जिसमें लेनदेन भी होता है कर्मचारी भी हैं.
शुभारंभ बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में पूजा कर हुई
हिसाब-किताब भी रखा जाता है. यहां लोन भी दिया जाता है लेकिन अंतर सिर्फ इतना है की इसमें लेनदेन रुपये का नहीं बल्कि ‘ओम नमः शिवाय’ का किया जाता है. इस बैंक में हर प्रकार की मन्नत पूरा होने का फार्म भरवाया जाता है. यहां जो कोई भी आता है, शिवलेखन जप पुस्तिका भरकर जमा करता है. अपना खाता खुलवाता है. ‘ओम नमः शिवाय’ लिखकर जमा करता है. उसकी सारी मिन्नतें तो पूरी ही होती हैं और साथ में उसका पूरा परिवार खुशहाल रहता है. इस बैंक की स्थापना साल 2002 में गंगा दशहरा के दिन हुई थी. इसका शुभारंभ बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में पूजा करके हुई थी.
यहां के धन को कोई नहीं चुरा सकता
अपने तरह के इस अनोखे बैंक की सारी कार्यप्रणाली एक नेशनल बैंक की तरह है. इसमें कर्मचारी भी हैं. धन जमा और निकाला भी जाता है. बैंक की तरह लोन भी दिया जाता है, जिसे समय पर जमा नहीं करने पर फाइन भी लगता है. अंतर सिर्फ इतना है कि इसमें रुपये की जगह आस्था जमा होती है. इसका उपयोग इहलौकिक सुख के लिए नहीं बल्कि पारलौकिक सुख के लिए किया जाता है. आस्था के इस बैंक में जमा धन को चोर न तो चुरा सकता है और न ही डकैत लूट सकता है.
दूसरे देशों के लोग भी आते हैं यहां
बैंक की टाइमिंग 24 घंटे होती है ताकि भक्त कभी भी कहीं से भी आकर ‘ओम नमः शिवाय’ का डिपॉजिट कर दे. अब तक लगभग एक सौ ग्यारह करोड़ हस्त लिखित मंत्र जमा हो चुके हैं. इस बैंक में बाबा का नाम लिखने मात्र से ही सारे काम पूरे हो जाते हैं. आस्था के इस बैंक में कॉपी भी मिलती है. कलम भी मिलती है. अपनी शक्ति भर लोन भी बस ‘ओम नमः शिवाय’ मंत्र को लिखने में आपको कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है. यही नहीं इस बैंक के खातेदार सिर्फ अपने देश हिंदुस्तान के ही नहीं यहां तो देश के बाहर के भी कई दूसरे देशों के लोग भी यहां आते हैं.
रिपोर्ट : विपिन सिंह