Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक नेत्रहीन बुजुर्ग ने लेखपाल मोरपाल गंगवार से खसरे की नकल मांगी थी. लेखपाल ने खसरा देने के साथ ही रिश्वत के रूप में 100 रूपए की मांग की. मगर, नेत्रहीन बुजुर्ग के पास सिर्फ 20 रुपये थे. उन्होंने लेखपाल को 20 रुपये दे दिए. लेखपाल 100 के बजाय 20 रुपए देने से नाराज हो गया. उसने गुस्से में खसरे की नकल फाड़कर फेंक दी. नेत्रहीन बुजुर्ग को काफी खरी-खोटी सुनाई. इसके बाद लेखपाल ने तहसील की टीम के साथ नेत्रहीन बुजुर्ग की खेत में खड़ी फसल को पलटकर भूमाफिया घोषित कर दिया.
नेत्रहीन बुजर्ग ने भूमाफिया घोषित होने की जानकारी मिलने पर डीएम से मुलाकात कर पूरा मामला बताया. इस पर डीएम ने एसडीएम वेद प्रकाश मिश्र को मामले की जांच सौपी. एसडीएम की जांच में लेखपाल दोषी पाया गया. इसके बाद डीएम ने बुधवार को लेखपाल सस्पेंड कर दिया है.
बरेली जनपद की मीरगंज तहसील के गांव सुल्तानपुर निवासी नेत्रहीन बुजुर्ग महेंद्र पाल सिंह को कुछ वर्ष पूर्व गांव के ही सतीश चंद्रा ने दान स्वरूप कृषि भूमि दी थी. नेत्रहीन बुजुर्ग ने लेखपाल से जमीन के खसरे की नकल ली थी. लेखपाल ने खसरे की नकल दी. इसके बदले में 100 रुपये की मांग की थी. मगर, नेत्रहीन बुजुर्ग ने 100 रुपए न होने के कारण 20 रुपये दे दिए. इससे लेखपाल नाराज हो गया. उसने खसरे की नकल फाड़कर फेंक दी. इसके साथ ही काफी खरी खोटी सुनाई. 4 मई को नाराज लेखपाल तहसील की टीम के साथ आया. उसने खेत में खड़ी फसल को पलटने के साथ ही नेत्रहीन बुजुर्ग को भूमाफिया घोषित कर दिया.
नेत्रहीन बुजुर्ग ने लेखपाल और तहसील की टीम के सामने अपना पक्ष रखा. मगर, किसी ने नहीं सुनी. इसके बाद नेत्रहीन बुजुर्ग ने डीएम से मुलाकात कर मामले की जानकारी देने के साथ ही अपना दर्द बयां किया. नेत्रहीन बुजुर्ग ने डीएम को बताया कि उसके पास राशन कार्ड तक नहीं है. इस पर डीएम शिवाकांत द्विवेदी ने संबंधित को राशन कार्ड बनवाने के निर्देश दिए.
डीएम ने एसडीएम वेद प्रकाश मिश्र को पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा. एसडीएम वेद प्रकाश मिश्र ने बुधवार को सुल्तानपुर पहुंचकर महेंद्र पाल सिंह के बयान लिए. बयान लेने के साथ ही डीएम से पीड़ित नेत्रहीन बुजुर्ग महेंद्र पाल सिंह की फोन पर बात कराई. एसडीएम की जांच में लेखपाल मोरपाल गंगवार दोषी मिला. इसके लेखपाल को निलंबित किया गया है. इस कार्रवाई के बाद तहसील के लेखपाल भी खौफ में हैं.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद