Diwali 2022: दीये की चपेट में आने से गंभीर रूप से जली महिला, बच्चे के हाथ में फूटा पटाखा
इस दीपावली में किसी के हाथ में महताब तो कोई अनार जलाते समय जल गया. कई जगह रॉकेट जमीन पर ही फट गये. पटाखों की घटिया क्वालिटी के कारण लोग ज्यादा जख्मी हुये हैं. रकारी अस्पतालों में इलाज के लिये 150 से अधिक लोग इलाज के लिये पहुंचे. गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या मात्र 10 है.
Lucknow: इस दिवाली पटाखों से होने वाली दुर्घटनाओं में कमी आयी है. राजधानी लखनऊ के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिये 150 से अधिक लोग इलाज के लिये पहुंचे हैं. यह संख्या पिछली दिवाली से काफी कम है. इसमें अच्छी बात यह है कि पटाखों से गंभीर रूप से घायल होने वालों की संख्या मात्र 10 है. अन्य लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद घर जाने की सलाह दी गयी है.
सबसे ज्यादा 59 मरीज सिविल अस्पताल पहुंचे
इस दीपावली में किसी के हाथ में महताब तो कोई अनार जलाते समय जल गया. कई जगह रॉकेट जमीन पर ही फट गये. पटाखों की घटिया क्वालिटी के कारण लोग ज्यादा जख्मी हुये हैं. सबसे ज्यादा 59 मरीज हजरतगंज स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल (सिविल) में इलाज के पहुंचे. यहां दो लोगों को गंभीर रूप से घायल होने के कारण भर्ती किया गया है.
दीये से जल गयी 90 प्रतिशत गयी महिला
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग दीपावली की रात 8 मरीज दीयों और पटाखों से जलने के कारण घायल होकर पहुंचे. विभाग के हेड डॉ. विजय कुमार ने बताया कि एक 35 वर्षीय महिला पूजा करते समय दीये से साड़ी में आग लगने के कारण गंभीर रूप से जल गई थी. लगभग 90% तक जल गया है. उनकी स्थिति बहुत गंभीर बनी है.
कई छोटे बच्चों के हाथ जले
इसके अलावा एक 4 साल की बच्ची के पायजामे में दीये से आग लगने से उसका पैर जल गया.एक 5 वर्षीय बच्ची के दोनों हाथ में गंभीर चोट आयी है. एक 3 वर्षीय बच्ची के भी हाथ में पटाखा फूटने से बायां हाथ और मुंह के आसपास का हिस्सा चोटिल हुआ है. एक 19 वर्षीय मरीज के पैंट की जेब में पटाखा फूटने के कारण उसे गंभीर रूप से चोटें आयी हैं. उसकी बायीं जांघ में चोटें हायी हैं.
केजीएमयू और ट्रॉमा सेंटर में 30 मरीज भर्ती
केजीएमयू में 22 मरीजों को भर्ती किया गया है. बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घायलों का इलाज किया गया. लोकबंधु अस्पताल में 30 घायल इलाज के लिय पहुंचे. इनमें नौ बच्चे भी शामिल थे. केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि बीते वर्षों के मुकाबले कम लोग अस्पताल इलाज के लिये पहुंचे. 8 घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है.
प्राथमिक इलाज के बाद कई मरीज डिस्चार्ज
लोकबंधु अस्प्ताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि गंभीर रूप से घायल एक भी मरीज अस्पताल नहीं पहुंचा. सिर्फ हलका झुलसे लोग इलाज के पहुंचे. सीएमएस सिविल अस्पताल डॉ. आरपी सिंह ने बताया कि पटाखों से झुलसे दोलों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी थी.