गोरखपुर में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से गई मासूम दृष्‍ट‍ि की जान, स्‍कूल का रज‍िस्‍ट्रेशन भी म‍िला फर्जी

सीओ कैंट और रामगढ़ताल थानेदार मामले की जांच करने स्कूल पहुंचे. जहां स्कूल से सटे खेल मैदान में 3 फीट ऊंचाई तक पानी भरा पाया. इसमें झूला लगा था. एसएसपी के आदेश पर गुरुवार की देर रात रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक और कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2022 3:39 PM

Gorakhpur News: गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र में दो दिन पहले अपनी बहन के साथ पहली बार स्कूल गई 3 साल की मासूम बच्ची की स्कूल प्रबंधक और कर्मचारियों की लापरवाही से जान चली गई. स्कूल के खेल मैदान में जमा पानी में डूबने से बच्‍ची की मौत हो गई थी. इसके बाद सीओ कैंट और रामगढ़ताल थानेदार मामले की जांच करने स्कूल पहुंचे. जहां स्कूल से सटे खेल मैदान में 3 फीट ऊंचाई तक पानी भरा पाया. इसमें झूला लगा था. एसएसपी के आदेश पर गुरुवार की देर रात रामगढ़ताल थाने की पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक और कर्मचारियों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

मदरसे की मान्यता पर चला रहे थे स्‍कूल

गोरखपुर के रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के कजाकपुर कॉलोनी में एपेक्स एकेडमी के नाम से स्कूल चलता है. बीते बुधवार को 3 वर्षीय मासूम दृष्टि शुक्ला अपनी बहन के साथ पहले दिन स्कूल गई थी जहां स्कूल में खेल के मैदान में भरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई. इसके बाद प्रबंधक ने स्कूल बंद कर दिया है. दरवाजा खुला होने की वजह से वह खेल मैदान में चली गई थी. पानी ज्यादा होने की वजह से वह उसमें डूब गई. जो स्कूल प्रबंधक और कर्मचारियों की बड़ी लापरवाही है. पुलिस द्वारा जांच में यह मामला सामने आया है कि इस स्कूल को 10 साल से मदरसे की मान्यता पर चलाया जा रहा था और स्कूल में अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई हो रही थी. गोरखपुर के कजाकपुर निवासी उमेश द्विवेदी इस स्कूल को चलाते हैं. उनकी पत्नी इस स्कूल की प्रधानाध्यापिका हैं और बेटा प्रबंधक है.

छोटी बेटी का शव लेकर घर पहुंचे

प्रभारी निरीक्षक थाना रामगढ़ताल सुधीर सिंह ने बताया है कि बच्ची के पिता की तहरीर पर स्कूल के प्रबंधक और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. घटना से जुड़ी सभी पहलुओं की जांच चल रही है. साक्ष्य के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. बीते बुधवार को कजाकपुर निवासी अधिवक्ता जगदीश नारायण शुक्ला का आरोप है कि स्कूल के प्रबंधक व कर्मचारियों ने यह कह कर उनकी छोटी बेटी दृष्टि को रोक लिया कि वह उसकी देखभाल करेंगे. मगर दोपहर में अधिवक्ता जगदीश नारायण शुक्ला की पत्नी को स्कूल से फोन गया कि उनकी छोटी बेटी को चोट लग गई है. आप लोग अस्पताल पहुंचें. जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो बच्ची नहीं मिली. कुछ देर के बाद स्कूल के प्रबंधक और कर्मचारी उनकी छोटी बेटी का शव लेकर घर पहुंचे. इस खबर को प्रभात खबर ने प्राथमिकता से दिखाया था.

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रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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