Lucknow: यूपी में ड्रोन तकनीकी (Drone Technology) से कृषि का कायाकल्प किया जाएगा. केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश को कुल 32 ड्रोन दे रही है. सरकार ड्रोन टेक्नोलॉजी के माध्यम से कृषि क्षेत्र में हानिकारक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग को घटाकर, उनके स्थान पर तरल नैनो दवाओं व उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देगी. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि ड्रोन डेमोंसट्रेशन (Agriculture Drone Demonstration) कार्यक्रम में यह जानकारी दी.
कृषि मंत्री ने कहा कि 1 एकड़ भूमि के लिए नैनो यूरिया के आधे लीटर का घोल पर्याप्त है. जबकि वर्तमान में इसके लिए कई किलो ठोस यूरिया का प्रयोग किया जाता है. नैनो तरल दवाओं और उर्वरकों के उपयोग से मानव स्वास्थ्य तथा मिट्टी दोनों को बचाया जा सकता है. इसमें ड्रोन तकनीक मदद करेगी.
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सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि केंद्र से जो 32 ड्रोन मिल रहे हैं. इनमें से 4 कृषि विश्वविद्यालयों (Agriculture University) को, 10 कृषि विज्ञान केंद्रों को और 18 आईसीएआर (ICAR) के संस्थानों को उपलब्ध कराए जाएंग. 32 ड्रोन से प्रदेश भर में कुल 8 हजार हेक्टेयर भूमि पर डेमोंसट्रेशन किया जाना है. इन ड्रोन को खरीदने के लिए केंद्र सरकार ने 5 करोड़ 60 लाख रुपये जारी कर दिये हैं.
लखनऊ के रहीमाबाद फार्म पर आयोजित कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए कृषि क्षेत्र में इजाद की जाने वाली हर नई तकनीक को किसान के खेत तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है. जिससे किसानों के समय, धन तथा श्रम की बचत होगी और वे उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन प्राप्त कर सकेंगे.
कृषि मंत्री ने बताया ये ड्रोन प्रदेश के कृषि स्नातकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर और कृषि उत्पादन संगठनों, कोऑपरेटिव सोसाइटीज को 40 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे. इस प्रकार किसी कृषि स्नातक को लगभग 10 लाख रुपए मूल्य के इस ड्रोन के लिए केवल 5 लाख रुपए चुकाने होंगे. किसानों को जागरूक करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में ड्रोन डेमोंसट्रेशन के कार्यक्रम होंगे.
ड्रोन निर्माता कंपनी के विशेषज्ञों ने 300 किसानों को बताया कि ड्रोन छिड़काव से किसानों को केवल सात मिनट में एक एकड़ खेत में स्प्रे करने में मदद मिल सकती है. कंपनी का दावा है कि वह भारत के 13 राज्यों में ड्रोन छिड़काव के बारे में 10 हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षित करेगी.