Kanpur: तुर्की, सीरिया में जिस तरह से भूकंप ने अपना कहर बरपाया है. उसको लेकर पूरे विश्व में प्राकृतिक आपदाओं को लेकर डर का माहौल बना हुआ है. तुर्की में आए भूकंप के बाद अब आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के प्रोफेसर जावेद मलिक ने दावा किया है कि जल्द ही भारत में भी भूकंप के झटके महसूस होंगे. उन्होंने देश में हुई भूकंप की घटनाओं को लेकर शोध किया है.भारत मे 7.5 तीव्रता से अधिक के झटके महसूस होंगे.
कुछ दिन पूर्व जिस तरह से तुर्की, सीरिया और लेबनान में भूकंप आया है. बीते साल भारत के भी कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं. जिसको लेकर आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिक जावेद मलिक ने भारत में आने वाले दिनों में तगड़ा भूकंप आने की आशंका जताई है. इतना ही नहीं उनका दावा है कि भूकंप का केंद्र हिमालय, अंडमान निकोबार या फिर कच्छ भी हो सकता है.
भूकंप की वजह को लेकर प्रोफेसर जावेद मलिक का कहना है कि जमीन के अंदर टेक्टोनिक प्लेटें एक दूसरे से लड़ते हैं. तब इनके टकराने व मोशन से जो तनाव की स्थिति बनती है वह ऊर्जा में बदलती है, और इस वजह से भूकंप आता है. अगर ऊर्जा बहुत अधिक मात्रा में होती है तो भूकंप के तेज झटके महसूस होते हैं. और यह बेहद खतरनाक भी होते हैं. वहीं अभी तुर्की में आए भूकंप की बात की जाए. इस भूकंप की तीव्रता 7.8 मैग्नीट्यूड थी. वहीं भारत की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप वर्ष 2004 में आया था, जिसकी तीव्रता 9.1 आंकी गई थी.
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प्रो. जावेद मलिक का कहना है कि देश में भूकंप को लेकर पांच जोन बने हैं. सबसे खतरनाक जोन-5 के इलाके हैं. जोन-2 को लगभग सुरक्षित माना जाता है. और कानपुर जोन-3 में आता है, जहां हल्का असर देखने को मिलता है. जोन 5 में कच्छ, अंडमान निकोबार, हिमालय के आसपास का क्षेत्र, उत्तराखंड आदि हैं. वहीं जोन चार में बहराइच, लखीमपुर, पीलीभीत, गाजियाबाद, रुड़की, नैनीताल समेत तराई वाले क्षेत्र हैं. जोन-3 में कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, सोनभद्र आदि हैं.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी