पटना सहित इन जगहों से अयोध्या पहुंचना होगा आसान, 1 फरवरी से आठ नई उड़ानें शुरू

अयोध्या को ये उड़ानें दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, पटना, दरभंगा, मुंबई और बेंगलुरु से जोड़ेंगी. अयोध्या धाम में इसी महीने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया था. इस बीच, घरेलू एयरलाइन ‘जूम’ बुधवार को दिल्ली से अयोध्या के लिए उड़ान के साथ अपनी सेवाएं बहाल करेगी.

By ArbindKumar Mishra | January 30, 2024 9:37 PM

अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद रोजाना लाखों की संख्या में भक्त रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. सड़क मार्ग के अलावा लोग हवाई मार्ग से भी अयोध्या दर्शन के लिए जा रहे हैं. भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने पटना सहित कुल 8 जगहों से अयोध्या के लिए सीधी उड़ान शुरू करने की घोषणा की है. एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट अयोध्या के लिए एक फरवरी से आठ उड़ानें शुरू करेगी. नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इसका शुभारंभ करेंगे.

इन जगहों से अयोध्या के लिए शुरू होगी उड़ान सेवा

अधिकारी ने बताया कि अयोध्या को ये उड़ानें दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, जयपुर, पटना, दरभंगा, मुंबई और बेंगलुरु से जोड़ेंगी. अयोध्या धाम में इसी महीने महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया गया था. इस बीच, घरेलू एयरलाइन ‘जूम’ बुधवार को दिल्ली से अयोध्या के लिए उड़ान के साथ अपनी सेवाएं बहाल करेगी.

दिल्ली-अयोध्या मार्ग पर सेवाओं के लिए बॉम्बार्डियर सीआरजे 200ईआर विमान तैनात

एयरलाइन ने मंगलवार को बयान में कहा कि पहली उड़ान के तहत दिल्ली-अयोध्या मार्ग पर सेवाओं के लिए बॉम्बार्डियर सीआरजे 200ईआर विमान को तैनात करेगी. यह मार्ग पहले से ही देश के सबसे अधिक मांग वाले आध्यात्मिक पर्यटन हॉटस्पॉट में से एक के रूप में उभरा है. सितंबर, 2023 में विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जेक्सस एयर सर्विसेज के उड़ान परमिट को नवीनीकृत किया था. इससे पहले, यह जूम एयरलाइंस के रूप में काम कर रही था. फरवरी, 2017 में सीआरजे विमान के साथ परिचालन शुरू करने के बाद गुरुग्राम की एयरलाइन ने 2020 में परिचालन बंद कर दिया था.

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22 जनवरी को की गई रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 22 जनवरी को अयोध्या के मंदिर में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया था. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लाखों लोगों ने अपने घरों और पड़ोस के मंदिरों में टेलीविजन पर देखा.

पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर

पारंपरिक नागर शैली में बना मंदिर परिसर 380 फुट लंबा (पूर्व-पश्चिम दिशा), 250 फुट चौड़ा और 161 फुट ऊंचा है. मंदिर की प्रत्येक मंजिल 20 फुट ऊंची और उसमें कुल 392 स्तंभ और 44 द्वार हैं. मंदिर के स्तंभ और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनायी गयी हैं.

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