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UP Nikay Chunav: दावेदारों से मालामाल होंगे निकाय, नो ड्यूज लेने को लंबी भीड़, जानें क्यों है जरूरी…

नामांकन पत्र में नो ड्यूज भी लगेगा. इसलिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के दफ्तरों में दावेदारों के लोगों की नो ड्यूज लेने को लंबी भीड़ लगने लगी है. मगर, लोगों को नो ड्यूज नहीं मिल पा रहा है. इससे लोग काफी परेशान हैं. इसमें वर्षों से हाउस टैक्स जमा नहीं करने वाले भी शामिल हैं.

Bareilly: यूपी नगर निकाय चुनाव का आरक्षण जारी हो गया है. इसके बाद नगर निगम के मेयर, पार्षद, नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष (चेयरमैन), और सभासद पद के दावेदार टिकट के साथ ही नामांकन की तैयारी में जुट गए हैं.

चुनाव लड़ने के लिए नो ड्यूज सर्टिफिकेट जरूरी

नामांकन पत्र में नो ड्यूज भी लगेगा. इसलिए नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के दफ्तरों में दावेदारों के लोगों की नो ड्यूज लेने को लंबी भीड़ लगने लगी है. मगर, लोगों को नो ड्यूज नहीं मिल पा रहा है. इससे लोग काफी परेशान हैं. इसमें वर्षों से हाउस टैक्स जमा नहीं करने वाले भी शामिल हैं. यह लोग भी टैक्स जमा कर रहे हैं. इससे नगर निकायों का खजाना भर रहा है.

एक क्लर्क किया था तैनात

नगर निगम में पार्षद पद का चुनाव लड़ने के लिए नो-ड्यूज लेना काफी मुश्किल है. निकाय चुनाव के दावेदार नगर निगम में चक्कर काट रहे हैं. लेकिन, उनका काम नहीं हो पा रहा है. पिछली बार नो-ड्यूज देने के लिए निगम ने एक क्लर्क की तैनाती की थी.इस बार यह व्यवस्था नहीं है.

प्रत्याशी पर किसी तरह का नहीं हो बकाया

चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी पर किसी तरह का सरकारी देय बकाया नहीं होना चाहिए. इसके लिए नामांकन में नो-ड्यूज प्रमाण पत्र लगता है.मगर, इस समय चुनाव लड़ने के लिए तमाम लोग सक्रिय हैं. वर्षों से हाउस टैक्स, जमा नहीं करने वाले लोग भी टैक्स जमा कर रहे हैं.

महापौर, नगर पालिका व नपं अध्‍यक्ष के लिए होनी चाहिए 30 वर्ष आयु

नगर निगम के महापौर पद, नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 30 वर्ष की आयु होना जरूरी है. इसी प्रकार नगर निगम के पार्षद, नगर पालिका और नगर पंचायत के लिए 21 वर्ष की आयु होनी चाहिए. इसके लिए आयु का प्रमाण पत्र देना होगा. इसमें गड़बड़ी होने पर नामांकन रद्द भी हो सकता है.

ये नहीं लड़ सकते निकाय चुनाव

निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार अगर कोई दिवालिया हो, नगर निकाय या उसके नियंत्रण में कोई लाभ का पद धारण करता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता. इसके साथ ही राज्य सरकार, केन्द्र सरकार, स्थानीय प्राधिकारी की सेवा में होने या जिला सरकारी काउंसिल, अपर या सहायक जिला सरकारी काउंसिल, अवैतनिक मजिस्ट्रेट, अवैतनिक मुंसिफ होने पर चुनाव में उम्मीदवार नहीं बना जा सकता. वह व्यक्ति भी चुनाव नहीं लड़ सकता है, जो किसी सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार या राजद्रोह करते हुए पदच्युत हुआ हो.

चुनाव में इतना खर्च कर सकते हैं प्रत्याशी

यूपी में 17 नगर निगम हैं. यहां महापौर के पद के प्रत्याशियों का चुनाव होगा, जिनके खर्च की सीमा इस बार 40 लाख रुपये तय की गई है. पिछले चुनाव में खर्च की सीमा 25 लाख रुपये थी, यानी इस बार 15 लाख रुपये बढ़ा दी गई है. पार्षद तीन लाख रुपये ही खर्च कर सकेंगे. नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 2.5 लाख रुपये तथा सदस्यों के लिए 50 हजार रुपये की खर्च सीमा तय की है. अगर, चुनाव की खर्च सीमा बढ़ जाती है, तो उसी के मुताबिक जमानत राशि और नामांकन पत्र की धनराशि भी बढ़ाई जाती है.

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यह है जमानत धनराशि

नगर निकाय चुनाव के प्रत्याशियों की जमानत राशि भी तय हो गई है.मेयर अनारक्षित 12000 रुपये, आरक्षित 6000 रुपये, सभासद 2500 रुपये, आरक्षित 1250 रुपये, नगर पंचायत अध्यक्ष अनारक्षित 5000 रुपये, आरक्षित 2500 रुपये, नगर पंचायत सदस्य अनारक्षित 2000 रुपये और आरक्षित 1000 रुपये है.

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