Rampur By-Election: आजम के गढ़ में प्रचार हुआ तेज, सीएम योगी, अखिलेश और जयंत की जनसभाओं से चढ़ेगा पारा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 दिसंबर को रामपुर आएंगे. वीआईपी कार्यक्रम प्रमुख अमर सक्सेना के अनुसार मुख्यमंत्री 2 दिसंबर को अजीतपुर औद्योगिक आस्थान के सामने शाहाबाद मार्ग स्थित मैदान पर जनसभा को संबोधित करेंगे. भाजपा ने यहां आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है.
Lucknow News: रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर सियासी पारा मौसम के ठीक उलट चढ़ता जा रहा है. भाजपा जहां सपा के किले को ध्वस्त करने के लिए पुरजोर कोशिश में लगी है और प्रचार अभियान को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां जनसभा करेंगे. वहीं आजम के गढ़ में उनका साथ देने के लिए अब अखिलेश यादव और जयंत चौधरी का भी कार्यक्रम तय हो गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 दिसंबर को रामपुर आएंगे. वीआईपी कार्यक्रम प्रमुख अमर सक्सेना के अनुसार मुख्यमंत्री 2 दिसंबर को अजीतपुर औद्योगिक आस्थान के सामने शाहाबाद मार्ग स्थित मैदान पर जनसभा को संबोधित करेंगे. भाजपा ने यहां आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है. उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी नेतृत्व ने पहले से ही कई मंत्रियों और संगठन के बड़े पदाधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है. ये सभी रामपुर में लगातार सक्रिय हैं.
वहीं आजम खान के करीबी और सपा प्रत्याशी आसिम राजा के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने के लिए अखिलेश यादव एक दिसंबर को रामपुर आएंगे. अखिलेश किला के मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे. इसके अलावा रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी तीन दिसंबर को रामपुर आएंगे. वह भी जनसभा को संबोधित कर सपा के लिए वोट मांगेंगे. वहीं भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर भी 30 नवंबर को रामपुर आएंगे.
सपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने प्रदेश अध्यक्ष को पत्र लिखकर रामपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रचार के लिए अखिलेश यादव, स्वामी प्रसाद मौर्य, एसटी हसन, जावेद अली खान, इकबाल महमूद, रफीक अंसारी, ओमकार सिंह यादव, वीरपाल सिंह यादव, नवाबजान, नासिर कुरैशी, फहीम इरफान. जियाउर्रहमान, समरपाल सिंह और लीलावती कुशवाहा को रामपुर भेजने का आग्रह किया है.
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मतदान के दिन आतंक का माहौल बना देती है पुलिस
सपा के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र गोयल ने प्रेक्षक को पत्र सौंपकर कहा कि चुनाव वाले दिन पुलिस आतंक का माहौल बना देती है. लोकसभा के उपचुनाव में पुलिस ने ऐसा ही किया था. एक वर्ग विशेष के लोगों को वोट डालने से रोका गया. शहर के कई मतदान केंद्रों पर 10 से 20 फीसदी के बीच मतदान हुआ. उन्होंने मांग की है कि चुनाव निष्पक्ष ढंग से कराए जाएं.